भक्त की जैसी भावना वैसे दर्शन देते हैं भगवान: स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य जी महाराज
अरवल जिला ब्यूरो वीरेंद्र चंद्रवंशी की रिपोर्ट
कुर्था अरवल,भगवान श्रीकृष्ण के अनेकों रुप, भक्त की जैसी भावना, वैसे ही दर्शन देते हैं भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व भारतीय इतिहास के लिये ही नहीं विश्व इतिहास के लिये भी अलौकिक एवम् अद्भुत है। उक्त बातें सोमवार की रात्रि में कुर्था प्रखंड के सती नगरी लारी गांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दौरान संध्या में हो रहे प्रवचन में महामंडलेश्वर श्री महंत स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कही ! उन्होंने कहा कि वे हमारी संस्कृति के एक विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से की जा सकती है और न संसार के किसी महापुरुष से। भगवान श्रीकृष्ण के अनेकों रुप, भक्त की जैसी भावना, वैसे ही दर्शन देते हैं भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व भारतीय इतिहास के लिये ही नहीं, विश्व इतिहास के लिये भी अलौकिक एवम् अद्भुत है और सदा रहेगा। वे हमारी संस्कृति के एक विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व, जिसकी तुलना न किसी अवतार से की जा सकती है और न संसार के किसी महापुरुष से। उनके जीवन की प्रत्येक लीला में, प्रत्येक घटना में एक ऐसा विरोधाभास दीखता है, जो साधारणतः समझ में नहीं आता। यही उनके जीवन चरित की विलक्षणता है और यही उनका विलक्षण जीवन दर्शन भी है। अपनी सरस एवं मोहक लीलाओं तथा परम पावन उपदेशों से अन्तः एवं बाह्य दृष्टि द्वारा जो अमूल्य शिक्षा उन्होंने दिया था, वह किसी वाणी अथवा लेखनी की वर्णनीय शक्ति एवं मन की कल्पना की सीमा में नहीं आ सकता, यही उनकी विलक्षणता है।ज्ञानी-ध्यानी जिन्हें खोजते हुए हार जाते हैं, जो न ब्रह्म में मिलते हैं, न पुराणों में और न वेद की ऋचाओं में, वे मिलते हैं ब्रजभूमि की किसी कुंज-निकुंज में राधारानी के पैरों को दबाते हुए। यह श्रीकृष्ण के चरित्र की विलक्षणता ही तो है कि वे अजन्मा होकर भी पृथ्वी पर जन्म लेते हैं। मृत्युंजय होने पर भी मृत्यु का वरण करते हैं। वे सर्वशक्तिमान होने पर भी जन्म लेते हैं कंस के बन्दीगृह में हालांकि प्रवचन को लेकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से हजारों की संख्या में महिलाओं व पुरुषों की भीड़ उमड़ रही है जहां देर रात महिला व पुरुष स्वामी जी के प्रवचन सुन धन्य हो रहे हैं
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