उत्साह पूर्वक संगीनों के साए में 67.68 प्रतिशत हुआ मतदान
हापुड़ से विशू अग्रवाल की रिपोर्ट
प्रथम चरण के गुरुवार को हुए मतदान में जनपद के हजारों लोग वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों के कारण लोकतंत्र के पर्व में आहुति नहीं दे पाए। जिला प्रशासन की कोशिशों तथा अभियान चलाए जाने के बावजूद साफ-सुथरी वह र्निविवादित वोटर लिस्ट तैयार नहीं हो पाई। कहीं वोटरों के लिस्ट से नाम काटे गए तो कुछ जगह जीवित व्यक्तियों को मृतक दिखला दिया गया तो कुछ लोगों के परिवार के सदस्यों के आधे अधूरे नाम थे। जिस कारण वोटर आईडी कार्ड धारक भी वोटर लिस्ट में नाम न होने के कारण मतदान से वंचित रह गए।
मतदान से दूर रहे लोगों में बीएलओ के प्रति जगह-जगह भारी रोष दिखा। लोगों ने वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतें जिला निर्वाचन अधिकारी अनुज सिंह से कर चुनाव आयोग में भी शिकायतें दर्ज कराई हैं। चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने का संपूर्ण लाभ प्रशासन को नहीं मिल पाया। वर्ष 2017 में 66.76 प्रतिशत मतदान के सापेक्ष वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में तीनों विधानसभा सीटों पर 67.68 प्रतिशत ही मतदान हो सका। लोगों के वोट डालने के उत्साह के आगे प्रशासन के इंतजाम अधूरे रहे। गांव चमरी निवासी सोनू त्यागी ने बताया कि परिवार की 5 वोटों की पर्चियां बनी नहीं दी। संपर्क करने पर भी उत्तर नहीं दिया।
इसी प्रकार बूथ संख्या 90, 91 पर भी सैंकडो लेाग मतदान पर्ची के अभाव में वोट डालने को भटकते रहे, बीएलओ भी कहीं नहीं मिले। वहीं रफीकनगर की प्रवीर चमरी की रीना चौधरी आदि वोट नहीं कर पाये। चमरी गांव के नवीन त्यागी को एसएसवी इंटर कॉलेज के बूथ 93 पर मृतक दिखाकर वोट नहीं करने दिया गया। गंगापुरा मोहल्ले के सोनू कुमार, दिग्विजय, मुनेश आदि भी वोटर लिस्ट की खामी के कारण मत का प्रयोग न कर सके। गढ़मुक्तेश्वर के जनता इंटर कॉलेज पर जितेंद्र कुमार, राज सिंह, सचिन कुमार आदि भी बीएलओ के शिकार हुए। वोटो के काटे जाने से नाराज लोगों ने शिकायतों के साथ सूचना का अधिकार के तहत जवाब मांगने को लेकर चेताया लेकिन सफल नहीं हो पाए, जिसका भारी मलाल एवं रोष है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी के कारण भी घंटों मतदान बाधित रहा।
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