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कोई काम छोटा, बड़ा नही, आत्मनिर्भर बने : सोमनाथ


हाजीपुर
(वैशाली)बिहार में पढ़े लिखे बेरोज़गार युवक अपने रोजगार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। इसमे कुछ पढ़े लिखे युवाओं य हुनरमंद होते ही दिल्ली,हरियाणा,पंजाब,लुधियाना सहित अन्य राज्यों में रोजगार के लिये जाते देखा होगा।लेकिन सोनपुर प्रखंड के कल्याणपुर पंचायत निवासी सोमनाथ कुमार को जब उसे कम्पनी ने यह कह कर निकाल दिया कि कोरोना महामारी फैल गयी है।सोमनाथ फिर परिवार के लिए मजबूरन सोनपुर चला आया।फिर उसने जीविका समूह में जुड़े अपनी माँ से 50 हजार रुपये लेकर अपने ही घर में कपड़े में जैकेट,चिटर,अन्य सिलाई का उद्योग लगाकर 10 से अधिक बेरोज़गार युवकों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं।कुछ लोगों को हुनरमंद भी बना रहे हैं ताकि वह भी स्वरोजगार से जुड़कर कमा सकें।सोमनाथ कुमार ने बताया कि लुधियाना के एक निजी कम्पनी में काम करने के दौरान ही जब कम्पनी कोरोना को लेकर निकाल दिया तो यह सोंचा कि हम सभी दूसरे के लिये काम करते हैं और दूसरे को आगे बढ़ा रहे हैं क्यों नहीं इसे अपने यहां ही स्थापित किया जाये।अपने यहां छोटे से उद्योग की शुरुआत की जाये।इसी सोंच को लेकर अपने भाई के साथ वहां से आने के बाद कल्याणपुर गाँव में आये और 2020 में 3 सिलाई मशीन खरीदकर कुछ काम की शुरुआत करने लगे।शुरुआत में लोअर हाफ पैंट आदि बनाकर छोटे-छोटे बाजारों के दुकानों में सेल करने लगे।धीरे धीरे करीब 8 मशीन खरीदीं।आज 5 से अधिक लोगों को यहां रोजगार दिए है।अब यहां आसपास के गांवों से सिलाई के कारीगर आते हैं और दिनभर काम करते हैं।फिलहाल सिगल निडल की 5 मशीनें,ओवरलाक की 2 मशीनें,1थ्रेड फोल्डिंग की 1 मशीनें और इलास्टिक डालने वाली 1 मशीनों के अलावा धागा कटिंग,पैकिंग,प्रेस आदि के लिये कुछ लोग काम करते है।धीरे धीरे जैकेट,लोअर,चिटर,टी शर्ट,गर्म कपड़े, पेंट इत्यादि काफी मात्रा में तैयार होते हैं।सोमनाथ ने यह भी बताया कि अगर सरकार या स्थानीय बैंक के अलावा उद्योग विभाग अगर मुझे सहायता करें तो यहां के कुछ बेरोजगार युवकों को रोजगार देकर उसे आत्मनिर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।अभी तीन महिलाएं व पांच पुरुष कार्यरत हैं जो 3 से 10 हजार रुपये माह अपनी मेहनत के अनुसार से पैसा कमा कर आत्मनिर्भर होकर वह घर पर रहकर ही पैसा कमा रहे हैं।इस गृह उधोग कार्य में शामिल प्रभुनाथ कुमार,मेघनाथ कुमार, देविका देवी,जयमाला,मंजू कुमारी सहित अन्य बेरोजगार युवक आत्म निर्भर बन कर कार्य कर रहे हैं।

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