"अब क्या देर रही फागुन में जब आए रहे ऋतु बसंत"
- शब्द पाठ के साथ राधास्वामी संप्रदाय के द्वारा भव्य बसंतोत्सव का आयोजन ।
हाजीपुर( वैशाली) माघ सुदी बसंत पंचमी हिंदुओं में मुबारक दिन माना जाता है । ऋतु में वसंत को ऋतुराज कहा गया है ।गीता में भगवान श्री कृष्ण अपने को ऋतुओ में बसंत कहा है। वही संतो ने भी बसंत की बड़ी महिमा गाई गई है ।सभी संतो ने बसंत की उपमान देते हुए कहा है कि सच्चा बसंत तो वही है ,जहां पर कुल मालिक का दर्शन पाकर अंत हो जाए ।जहां से फिर चौरासी की आवागमन से छुटकारा मिल जाए, वही अंत ,वही बसंत है ।कुल मालिक राधास्वामी दयाल ने जीवो को भूला भटका देख अति दया करके ,उद्धार के वास्ते नर रूप धारण करके शुभ बसंत दिन राधास्वामी सत्संग आम जारी फरमाया । परम गुरु हुजूर साहब जी महाराज ने वर्ष 2015 में शहतूत के पौधा लगाकर दयालबाग की नींव रखी । जो आज सत्संगी ही नहीं, आम जीवो के लिए जीवन से मुक्ति पाने का मुख्य द्वार बना हुआ है ।शुभ बसंत राधास्वामी संप्रदाय में बड़ा ही पवित्र और उत्तम दिन माना गया है ।इस दिन राधास्वामी संप्रदाय के मुख्यालय दयालबाग, आगरा में भव्य आयोजन होता है। साथ ही साथ इस संप्रदाय से जुड़े देश व विदेश के सभी ब्रांचो में, सत्संगियो के निवास स्थान पर पीले पीले वस्त्रों ,पताका , अल्पनाओ से सजाकर दीयों की रोशनी सजाई जाती है ।विभिन्न ब्रांचो में शब्द पाठ किए जाते हैं, जहां पर सच्चे सतगुरु के प्रति शुकराना पेश करते हुए सत्संगी भाई-बहन ,बच्चे बूढ़े सभी कुल मालिक राधास्वामी दाता दयाल से इस चौरासी के बंधन से मुक्ति की दया फरमाने की मांग करते हैं। वैशाली जिले के 15 ब्रांचो एवं एक सेंटर में बसंतोत्सव का कार्यक्रम भव्यता पूर्वक आयोजित की गई । यह कार्यक्रम हाजीपुर, सिंघाड़ा, नीलकंठपुर ,जंदाहा ,महिंदवाड़ा, झमनगंज ,मजलिशपुर ,रसलपुर हबीब ,सैदपुर गणेश, सुक्की, लालगंज सहित अन्य ब्रांचो में बड़ी संख्या में सत्संगी भाई बहन एवं बच्चे इकट्ठा होकर शब्द पाठ व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया । महुआ प्रखंड के सिंघाड़ा ब्रांच में प्रेमी भाई विकास कुमार के नेतृत्व में बसंत उत्सव का कार्यक्रम आयोजित की गई। जहां पर प्रेमी भाई सुधीर मालाकार ,विपिन कुमार, नंदकिशोर प्रसाद ,रामनंदन सिंह, दयाल शरण सिंह, राजकुमार सिंह , संतोष कुमार,प्रेमी बहन शोभा देवी , रश्मि प्रिया, खुशबू रानी,शकुंतला कुमारी ,शरण कुमारी सहित सैकड़ों की संख्या में सत्संगी भाई बहन उपस्थित होकर बसंत से जुड़े शब्द पाठ किया तथा दाता दयाल से दया व मेहर की वर्षा करने की प्रार्थना की।
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