विद्यार्थियों द्वारा होली खेलने पर जुर्माना लगाना भारतीय संस्कृति के खिलाप
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
शिक्षा के साथ साथ भारतीय संस्कार और संस्कृति उतना ही जरुरी होता है जितना की किसी व्यक्ति को जीवित रहने के लिए शरीर में रक्त । विद्यार्थियों को भारतीय सस्कृति और संस्कार अगर नहीं मिले तो शिक्षा उनके लिए बेकार है । उपरोक्त बातें भाजपा नेता सह पूर्व मध्यरेल दात्री समिति के सदस्य मनोज पोद्दार ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही । श्री पोद्दार ने आगे कहा कि चकाई के संत जोसफ स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा विगत 15 मार्च को होली की छुट्टी पर विद्यालय के प्रांगण में एक दूसरे को गुलाल लगा कर होली मनाने पर संत जोसफ स्कूल के प्रबंधन द्वारा कड़ी कार्रवाई करते हुए अधिसूचना जारी कर दी गई हे कि अब होली खेलने वाले सभी विद्यार्थियों द्वारा 400 रूपये जुर्माना राशि जमा करने पर ही उन्हें परीक्षा फल दिया जाएगा । भाजपा नेता ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि हम इस संस्कार को स्वीकार नहीं कर सकते । विद्या की जननी कही जाने वाली माता सरस्वती की पूजा अगर हम नहीं कर सकते , साथ ही हजारों वर्षों पूर्व से चली आ रही भाईचारे का प्रतिक महापर्व होली जैसी भारतीय संस्कृति नहीं मना सकते , तो फिर हमें एतराज होगा क्यूंकि हम भारत में रहते हैं इटली में नहीं ।
कोई टिप्पणी नहीं
Type you comments here!