जागृति एवं विभिन्न आनंद मार्ग के यूनिटों (पातेपुर) बैशाली में दधीचि दिवस मनाया गया
वैशाली: आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आनंद मार्ग जागृति एवं विभिन्न आनंद मार्ग के यूनिटों (पातेपुर) बैशाली में दधीचि दिवस मनाया गया इस अवसर पर उन पांच दधीचियो के याद में ईश्वरप्राणीधान एवं बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन किया गया सुनील आनंद ने इस विषय पर बताते हुए कहा कि आज ही के दिन पूरे विश्व में आनंदमार्गी दिन भर उपवास रखकर शाम को अपना उपवास तोड़ते हैं ।
5 मार्च, 1967, को कम्युनिस्ट के गुंडों ने आनन्दमार्ग प्रचारक संघ के केंद्रीय कार्यालय, आनंद नगर पर हमला किया था और उन पापियों का कुत्सित इरादा था कि आनन्दमार्ग प्रचारक संघ के संस्थापक परम पूज्य *बाबा श्री श्री आनंदमूर्ति जी* की हत्या कर आनन्दमार्ग को खत्म कर दिया जाये। इन अमानवीय, धर्म विरोधी ,सन्त्रासी ,बदमाशों और अनैतिक ताकतों ने निरीह निहत्थे पांच धर्म रक्षक आध्यात्मिक सैनिकों की नृशंस हत्या कर दी थी । उन्हीं दधीचिओं, "भागवत धर्म" के लिए जीवन न्योछावर करने वालेआचार्य अभेदानन्द अवधूत, आचार्य सच्चिदानन्द अवधूत,श्री भरत कुमार जी ,श्री प्रभाष कुमार जी, श्री अवधेश जी एवं बलिदानीयों के याद में यह दधीचि दिवस मनाया जाता है । आज के दिन साधक गण 12 घंटे का निर्जला उपवास रखकर पाप शक्ति के विरुद्ध विरोध प्रकट करते हैं।
इस अवसर पर साधकों ने पुष्प अर्पित कर दधीचियों को श्रद्धांजलि दिया।
इस अवसर पर आनंदमार्गीयों ने पाप शक्ति के विरुद्ध अनवरत संग्राम जारी रखने का संकल्प लिया।
इन पांच दधीचियो का बलिदान समाज के लिए स्मरणीय रहेगा उन्होंने कहा कि अंधकार जितना ही गहन क्यों नहीं तत्पश्चात प्रभात आएगा ही अंधकार का पिचास जितना ही अट्टाहास क्यों ना करें सूर्योदय के साथ-साथ उसका सब कुछ शुन्य में विलीन हो ही जाएगा इस प्रकार मनुष्य जाति के दुख की रात्रि जिस तरह ही क्यों ना हो तपस्या का सूर्या लोग उसका समस्त अंधकार दूर कर ही देगा मनुष्य के जीवन में अरुणोदय होगा ही ।
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