तीन हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया
जमुई से सुशील कुमार की रिपोर्ट
जमुई पुलिस लाइन के मैदान पर बरहट थाना अंतर्गत चोरमारा इलाके के तीन हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में हार्डकोर नक्सली बालेश्वर कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा और अर्जुन कोड़ा शामिल है। इन तीनों माओवादियों पर सरकार ने एक लाख और पचास - पचास हजार रुपए इनाम घोषित कर रखा है। सम्बंधित नक्सली बालेश्वर कोड़ा जमुई, मुंगेर और लखीसराय के जोनल कमांडर के रूप में काम कर रहा था। वह 2011 से संगठन में सक्रिय रहा है। अंतःपुर के नारद मुनि बताते हैं कि चोरमारा इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा सघन सर्च अभियान चलाया जा रहा है। गिरफ्तारी और इनकाउंटर से बचने के लिए नक्सलियों ने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए हैं आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा और नागेश्वर कोड़ा पर जमुई , लखीसराय और मुंगेर के अलग - अलग थानों में दर्ज़नों अपराधिक मामले दर्ज हैं। भरोसेमंद बताते हैं कि बालेश्वर कोड़ा सम्बंधित क्षेत्र से लेवी वसूली करता था। साथ ही वह संगठन विस्तार के लिए युवकों को बहला - फुसला कर इसमें में शामिल करता था। पुलिस को बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से उक्त माओवादियों की तलाश थी। अब इनके द्वारा आत्मसमर्पण कर दिए जाने से पुलिस ने राहत की सांस ली है। पुलिस मानती है कि नक्सली गतिविधि और उसके संगठन के बारे में सरेंडर किए गए नक्सलियों से काफी जानकारी मिलेगी। दरअसल आठ जून की रात गरही थाना क्षेत्र के गिद्धेश्वर जंगल में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सली संगठन के सब जोनल कमांडर मतलु तुरी को मार गिराया था। मारे गए नक्सली के पास से एक इंसास रायफल और भारी मात्रा में गोली और डेटोनेटर बरामद हुआ था। पुलिस को एरिया कमांडर पिंटू राणा के दस्ता के होने की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद गिधेश्वर के जंगलों में सर्च अभियान चलाया गया था। पुलिस और सीआरपीएफ की टीम अलग - अलग थाना इलाके में सर्च अभियान चला रही थी। इसी क्रम में सुरक्षाबलों की ओर से लगातार दी जा रही दबिश से बने दबाव के चलते उक्त नक्सलियों ने सरेंडर किया है। उधर मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी संजय कुमार ने पुलिस लाइन मलयपुर के मैदान पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चोरमारा इलाके के तीन हार्डकोर नक्सलियों ने सोमवार को यहां समारोहपूर्वक आत्मसमर्पण किया है। नक्सली बालेश्वर कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा और अर्जुन कोड़ा ने सरेंडर करने के दरम्यान एक एसएलआर और एक इंसास रायफल के साथ भारी मात्रा में जिंदा कारतूस भी समर्पित किया है। उन्होंने नक्सलियों के सरेंडर किए जाने को 215 सीआरपीएफ और जमुई पुलिस की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इन्हें सरकारी योजनाओं के अंतर्गत हर तरह का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने भटके हुए लोगों को मुख्य धारा में शामिल होने का न्यौता दिया।
सीआरपीएफ के डीआईजी विमल कुमार विष्ट, पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन, एएसपी अभियान ओंकार नाथ सिंह, एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार, पुलिस लाइन डीएसपी आशीष कुमार सिंह, थानाध्यक्ष चंदन कुमार, पुलिस अधिकारी राजीव कुमार समेत बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी एवं जवान आत्मसमर्पण समारोह में उपस्थित थे।
इधर आत्मसमर्पण समारोह में बालेश्वर कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा और अर्जुन कोड़ा, को वरीय अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया और उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की। मौके पर सम्बंधित नक्सलियों की धर्मपत्नी को उनके द्वारा अपने - अपने पति को सरेंडर करने के लिए प्रेरित करने हेतु अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया और उनके सोच की तारीफ की गई। आत्मसमर्पण समारोह उत्साह के वातावरण में संपन्न हुआ।
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