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राष्ट्रधर्म के पर्याय थे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी


रिपोर्ट अक्षय कुमार आनंद बेतिया बिहार

मैनाटांड़: प्रखंड मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के मौके पर उन्हें याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के तैलचचित्र पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके बताये गये रास्तों पर चलने का संकल्प लिया ।साथ ही कहा कि भारत देश के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक मिसाल है।वही मंडल अध्यक्ष अनिल पटेल ने कहा कि डॉ मुखर्जी एक शिक्षाविद,चिंतक तथा भरतीय जनसंघ पार्टी के संस्थापक थे।राष्ट्र धर्म उनके जीवन मे सर्वोपरि था। एक राष्ट्र,एक निशान तथा प्रधान के सिध्दांत के पथ चलकर कश्मीर मे विना परमिट के प्रवेश किये।

उन्होंने कश्मीर के विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि.कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसलिए यहाँ आने के लिए परमिट की जरुरत नही है। उसी दिन उन्हे नजरबंद कर दिया गया 23जून 1953को रहस्यमय परिस्थिति मे उनकी मृत्यु हो गई । अगर डॉक्टर मुखर्जी की नारों पर अमल की गयी रहती तो जम्मू कश्मीर में आतंकवाद जैसा कैंसर नही रहता। मौके पर वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया। जिसके दौरान दर्जनाधिक फलदार व छायादार वृक्ष लगाये गये। मौके पर भाजपा के नरेंद्र प्रसाद, डॉ धनंजय त्रिपाठी, सुभाष प्रसाद विद्यार्थी, परमेंद्र कुमार, सुनील कुमार, संतोष यादव सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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