बिजली की तार बदलने के नाम पर उपभोक्ता को ठग रही है बिजली विभाग
अरवल : जैसे-जैसे बिजली का सुदृढ़ीकरण हो रही है वैसे वैसे शांतिपुरम अतौलह पावर सब स्टेशन से सप्लाई होने वाली किंजर इलाका की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमराती जा रही है, जिसे देखने वाला कोई भी प्रतिनिधि नही और बिजली विभाग वाले तो अपनी मनमानी पर उतरे हुए ही हैं। जनता जब किसी अधिकारी या कर्मी से पूछती हैं, कि आखिर क्या कारण है कि, इस इलाके की बिजली पूरे दिन तो कभी पूरी रात या थोड़ी बरसात के बाद बंद कर दी जाती है, तो जूनियर इंजीनियर एवं सहायक विद्युत कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया जाता है कि, बिजली की तार बदली जा रही है, जबकि उपभोक्ता इसकी जानकारी क्षेत्रों में लेते हैं तो, किसी भी प्रकार की कोई बिजली तार वायरिंग नहीं की जा रही होती है, यह सिलसिला आज लगभग 3 से 4 महीने से चलता आ रहा है। इस इलाके के उपभोक्ता यह जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है की, इसी इलाके में बिजली की इतनी किल्लत है। जबकि अन्य जिलों के अन्य इलाकों में बिजली सेवा लगभग 23 घंटे नियमित मिल रही है, लेकिन इस इलाके में लगातार 12 घंटे 24 घंटे तक बिजली को विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा बिजली को बाधित कर दी जा रही है, लोगों का कहना है कि आखिर इतनी जर्जर व्यवस्था को क्यों नहीं सुदृढ़ किया जा रहा है, अगर व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है तो आखिर बिजली सेवा क्यों बाधित हो रही है, वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा की इस इलाके में विद्युत उपकरणों को बदलने के दौरान उपभोक्ता या पदाधिकारी कोई देखने वाला नहीं है जिसके कारण घटिया उपकरणों को लगाया जा रहा है जो पूरी तरह गुणवतत्ताहीन है सरकार बिजली व्यवस्था को निजीकरण तो कर दी है, लेकिन इस पर कोई अंकुश नहीं है आज घटिया इंसुलेटर, तार, पोल आदि उपकरणों लगाए जाने के कारण ही बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप होती जा रही है, वहीं उपभोक्ताओं ने बतलाया कि अगर बिजली व्यवस्था को नियमित रूप से संचालित नहीं की जाती है तो, उपभोक्ता कानूनी तौर तरीके के साथ आंदोलन के लिए सड़क पर बहुत जल्द उतर जाएगी, उमस भरी गर्मी मे लोगों का बहुत बुरा हाल है खासकर नवजात शिशु गर्मी से कराह रहे हैं, जिसे देखने सुनने वाला कोई नहीं है। स्थिति ऐसी है कि अब अंधेरे के साथ लोगों का रात्रि जीवन कट रहा है, क्योंकि बिजली पर ही लोगों का जीवन निर्भर हो गया है, अब तो घरों में सलाई और कीरोसीन तेल भी नहीं मिलता है, संध्या होते ही इलाके में अंधेरा कायम हो जा रहा है, लोग एक बार फिर बिजली विभाग के गैर जिम्मेदराना कार्य कलाप के कारण लालटेन युग में जीने को विवश हो रहे हैं।
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