12 जुलाई शुक्रवार को रक्षाबंधन मनाना श्रेष्ठ
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
11 जुलाई गुरुवार को प्रातः 9 बजकर 35 मिनट से पुर्णिमा तिथि लगेगी , उसी समय से भद्रा नक्षत्र भी शुरू हो रही है जो रात्रि में 8 बजकर 53 मिनट तक रहेगी । दुसरे दिन 12 जुलाई शुक्रवार को प्रातः 7 बजकर 16 तक पूर्णिमा रहेगी । भद्रा नक्षत्र के अंदर कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते ओर ना ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा सकता है । लिहाजा 12 अगस्त शुक्रवार को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना श्रेष्ठ रहेगा । उक्त बातें पंचमुखी हनुमान मंदिर बटिया के पुजारी श्री मिथलेश पांडेय ने देते हुए कहा कि उदया तिथि पूर्णिमा 12 अगस्त शुक्रवार को प्रातः 7 बजकर 15 बजे तक ही है अतः
12 अगस्त शुक्रवार को 7 : 30 बजे तक रक्षाबंधन और सुन जिमाने का अपने घर का सगुण करके उदया तिथि के हिसाब से दिन भर रक्षाबंधन का कार्य चलता रहेगा । उन्होंने बताया कि शास्त्रों में यही कहा गया है कि जो उदया तिथि है उसी का मान दिन भर रहेगा । अतः मांगलिक कार्य पूरे दिन मनाया जाएगा । इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार एवं श्रावणी कर्म आप 12 तारीख शुक्रवार को ही मनाएं पूरा दिन शुद्ध रहेगा ।
उन्होंने आगे बताया कि रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए । इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है । लंका पति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर उसका विनाश हो गया था । भद्रा शनिदेव की बहन थी । भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा उसका परिणाम अशुभ ही होगा ।
Absolutely correct!
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