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76 वां स्वतंत्रता दिवस पर विद्यालय के प्रधानाचार्य ने किया झंडोत्तोलन, छात्र छात्राओं ने दिखाया अपना जलवा

  •  टायलेंट सोअर इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया 75 साल आजादी का अमृत महोत्सव 


जमुई लक्ष्मीपुर से संजय कुमार की रिपोर्ट

लक्ष्मीपुर प्रखंड मुख्यालय के पीछे अवस्थित प्रखंड के नामचीन प्राइवेट स्कूल टायलेंट सोअर इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में प्राचार्य कुमुद रंजन ने 76 वां स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर किया झंडोत्तोलन! 

इस मौके पर प्रधानाचार्य ने उपस्थित अभिभावकों ,छात्र-छात्राओं एवं प्रबुद्ध जनों को आजादी के अमृत महोत्सव पर देश के वीर सपूतों की गाथाओं को स्मरण कराया! इस स्कूल के प्रांगण में छात्र-छात्राओं ने लेखन प्रतियोगिता में सम्मिलित होकर उत्कृष्ट प्रदर्शन की! जिसमें यूकेजी से क्लास वन में हिमांशु राजीव तथा निधि और क्लास 02 से 03 में सुशांत ,पूनम और रूपम एवं क्लास 04 से 05 तक में आरुषि, आद्या एवं सोनाक्षी को प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया! 

वही वार्षिक परीक्षा 2021- 22 में प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान लाने वाले छात्र-छात्राओं को समाज के प्रबुद्ध जन एवं विद्यालय परिवार के द्वारा मेडल, ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया ! यहीं इस मौके पर संस्कृति एवं नृत्य कार्यक्रम विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया! जिसका मंच संचालन विद्यालय की छात्रा सृष्टि एवं सोनाली ने किया! वहीं विद्यालय के विद्वान शिक्षक प्राचार्य कुमोद रंजन के नेतृत्व में राजेश ,रूपुन,सुभ्रतो, अरनव, विकास, सुमन सर एवं जोली मैडम मेरी, रीना, उषा, किरण, अनीता और अनिमा मैडम के सफल मार्गदर्शन में बच्चों ने एक से एक कार्यक्रम प्रस्तुत किए! जिसमें कुछ बच्चों का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा- जैसे गर्ल डांस में "कर हर मैदान फतेह" बॉय डांस में पुलवामा हमला का रूबरू एक्शन प्रस्तुत कर छात्रों ने उपस्थित छात्र-छात्राओं सहित अभिभावक गण को रोने पर मजबूर कर दिया! 

उक्त प्रस्तुति में नवीन ,सोनू ,पवन, निलेश, चंदन, भावेश, शिवम ,नीरज और प्रिंस तथा गर्ल में मल्लिका, शालिनी, करिश्मा, आयुषी, समीक्षा, खुशी, आरुषि, सुप्रिया, राखी ,साक्षी, सोनाक्षी ,आद्या और सोमी ने अहम भूमिका निभाई !इस अवसर पर विद्यालय के प्रांगण में उपस्थित छात्र छात्राओं के अभिभावक प्रबुद्ध जन एवं समाजसेवियों ने विद्यालय के प्रबंधक, व्यवस्थापक एवं प्रधानाचार्य सहित सभी विद्वान शिक्षकों की काफी प्रशंसा की! क्योंकि ऐसे ही विद्वान शिक्षकों के सफल निर्देशन में शिक्षण अधिगम के चार उद्देश्यों की पूर्ति की गई है! जिनमें बनना सीखना (लर्निंग टू बी) दूसरा करना सीखना (लर्निंग टू डू) तीसरा जानना सीखना (लर्निंग टू नाउ) एवं चौथा एक साथ रहना सीखना (लर्निंग टो लाइव टुगेदर)! जो इस प्रकार है-

बनना सीखना (Learning to Be) – अर्थात व्यक्तियों के व्यक्तित्व का निर्माण करना,उनके सामाजिक, आर्टिकल, राजनीतिक,सांस्कृतिक गुणों का विकास करना। छात्रों को इस तरह तैयार करना कि वह देश काल परिस्थितियों के अनुसार समाज के साथ समन्वय स्थापित कर सकें। छात्र अपने सामाजिक कर्त्तव्यों का भली-भांति निर्वहन कर सकें।

करना सीखना (Learning to Do) अच्छी शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ छात्रों का ज्ञानात्मक विकास करना नहीं, बल्कि छात्रों के क्रियात्मक विकास पर भी बल देना हैं। यह छात्रों को करके सीखने को स्थायी शिक्षा मानते हैं और वही शिक्षा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) मानी जाती हैं !जो स्थायी हो और जिसका प्रयोग छात्र जरूरत पड़ने पर कर सकें।


जानना सीखना (Learning to Know) – इसका अर्थ हैं ज्ञान को जानना अर्थात जो ज्ञान छात्र प्राप्त करते हैं उन्हें उस ज्ञान के बारे में पता होना चाहिए कि उसका उपयोग कब और कैसे करना हैं। यह सच भी हैं किसी शिक्षा को हम गुणवत्तापूर्ण तभी कह सकते हैं जब वह शिक्षा छात्र को कुछ भी जानने में उसका सहयोग करें।

एक साथ रहना सीखना (Learning to Live Together) – हम उसी शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सकते हैं जो शिक्षा व्यक्तियों को समाज में एक साथ रहना सिखाती हैं। जो शिक्षा समाज के समस्त कार्यों में सहयोग कर रहना सिखाती हो उसी शिक्षा को गुनवत्तापरख शिक्षा (Quality Education) कहा जा सकता हैं।

ज्ञात हो कि हम लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) आधुनिक समाज की मांग हैं और चाहे कोई भी क्षेत्र हो गुणवत्ता की मांग हर जगह होती हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से आशय शिक्षा में गुणों का विकास करना या गुणों का समावेश करना हैं! जिससे छात्रों एवं शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति भली-भांति हो सकें।

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