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धान का बिचड़ा सुखा देख खेतों पर रोने लगे किसान


सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट

जमुई जिले में इन दिनों बारिश नहीं होने के कारण जहां खेतों में लगाये गये धान का बिचड़ा व धान का पौधे लगे खेतों की मिट्टी पुरी तरह सुखकर दरार उभर आई है । साथ ही धान का बिचडा एवं धान की पौधे पुरी तरह सुखकर नष्ट हो गई है । अपने खेतों पर कड़ी मेहनत कर लगाये गये धान की पौधे देखने एक किसान अपने खेतों पर गये , जहां पर पानी नहीं मिलने की वजह से खेतों पर उभर आई बड़ी बड़ी दरारें एवं महाजनों से कर्ज लेकर लगाये गये जलकर नष्ट हो चुके धान के पौधों को देखकर बुरी तरह चिल्ला चिल्ला कर रोने लगे । साथ ही किसानों ने सरकार द्वारा कोई सहायता नहीं मिलने पर ना सिर्फ सरकार कौषा अपितु अपना दोनों हाथों को ऊपर उठाकर भगवान को भी कोषते हुए कहने लगा कि हे भगवान है 

इंद्रदेव महाजनों से कर्ज लेकर बड़ी मेहनत से धान का बीज बोया हुं , आपने पानी नहीं बरसाया जिस कारण अब खेतों पर लगे सभी धान सुखकर बुरी तरह नष्ट हो गई है , अब हमारे बच्चे क्या खायेंगे तथा महाजनों से लिया गया कर्ज को कैसे चुकता करेंगे । अब सवाल यह है कि इन किसानों के आंखों में बहते ऑसु को कोन पोंछे और महाजनों से लिया गया कर्जा से मुक्ति कैसे मिले । साथ ही धान की उपज होने पर सालभर मिलने वाली भरपेट भोजन धान की फसल जलकर नष्ट हो जाने से अब इन किसानों के बच्चों को कैसे मिलेगी , या फिर किसानों के बच्चे भुखे रहकर तड़प तड़प कर मरने पर विवश हो जायेंगे ।

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