सौभाग्यवती महिलाओं का हर तालिका तीज का व्रत हर्षोल्लास पूर्वक संपन्न
जमुई सोनो से चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
सुहागिन महिलाओं का हर तालिका तीज का त्यौहार जमुई जिले में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है । महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु ओर लंबी उम्र होने की कामना करते हुए दिन भर उपवास रखकर संध्या समय गिली मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मुर्तियां बनाकर श्रधा पुर्वक पुजा अर्चना की । इस दौरान क्ई महिलाएं एकजुट होकर भगवान की पूजा अर्चना की । सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखंड बनाये रखने एवं अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए इस व्रत को कर रही हैं ।
कहा जाता है कि तीज का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती को पुनर्मिलन के लिए किया जाता है । वहीं पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था , हिमालय पर गंगा नदी के तट पर माता पार्वती ने भुखे प्यासे रहकर तपस्या की थी । माता पार्वती की यह दशा देखकर उनके पिता हिमालय बैहद दुखी हुए । एक दिन महर्षि नारद भगवान विष्णु की ओर से पार्वती जी के लिए विवाह का प्रस्ताव लेकर आए , लेकिन जब माता पार्वती को इस बात का पता चला तो वे विलाप करने लगी ।
माता पार्वती को विलाप करते देख एक सखी के पुछने पर उन्होंने बताया कि वे भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप कर रही है । इसके बाद अपने सखी की सलाह पर माता पार्वती वन में चली गई और भगवान शिव की आराधना में लीन हो गई । एक दिन माता पार्वती ने भाद्रपद की तृतीया के दिन रैत से शिवलिंग का निर्माण किया ओर भोलेनाथ की अराधना में मग्न होकर रात्री जागरण किया । माता पार्वती की कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छा अनुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया । तभी से अच्छे पति की कामना ओर पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या ओर सौभाग्य वति स्त्रियां हर तालिका तीज का व्रत करती आ रही हैं , और भगवान शिव एवं माता पार्वती की पुजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं ।
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