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19 अगस्त को ही मनाया जाए कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार:- भिखारी बाबा


दावथ (रोहतास )
विष्णु अवतार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव इस बार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि के समय वृष के चन्द्रमा में हुआ था। धर्मशास्त्रत्तें के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को किया जाता है। 19 अगस्त को सूर्योदय और अर्धरात्रि के समय अष्टमी तिथि होने से यह पूर्ण मान्य है।

आचार्य पंडित भिखारी बाबा नोखा काशी वाले ने बताया कि हृषीकेश पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को सूर्योदय 5:35 बजे होगा। अष्टमी तिथि का मान सम्पूर्ण दिन अर्धरात्रि के बाद 1:06 बजे तक रहेगा। कृतिका नक्षत्र भी संपूर्ण शेष 4:58 बजे तक है। इस दिन ध्रुव योग पूरे दिन और अर्धरात्रि के बाद 1:06 बजे तक है। छत्र नामक औदायिक योग भी बन रहा है। अर्धरात्रि के समय चन्द्रमा की स्थिति वृषभ राशिगत है। 

सूर्योदय के समय अष्टमी और अर्धरात्रि को भी अष्टमी तिथि होने से कृष्ण जन्माष्टमी और व्रतोत्सव के लिए यही दिन शास्त्रत्तेक्त मान्य रहेगा। व्रत रहने वाले 20 की सुबह पारण करेंगे, उससे पहले रोहिणी नक्षत्र भी मिल जा रही है। इसलिए इस वर्ष जन्माष्टमी अत्यंत शुभकारी है। यह व्रत सर्वमान्य और पाप को नष्ट कर ने वाला है।यह व्रत बाल, कुमार, प्रौढ़, युवा, वृद्ध और इसी अवस्था वाले नर नारियों के करने योग्य है। इससे उनके पापों की निवृत्ति और सुखादि की वृद्धि होती है।

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