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समृद्धि एसोसिएट ने आयोजित की युवा मार्गदर्शन कार्यक्रम


वैशाली: 
महुआ (वैशाली )भारतवर्ष की मेडिकल क्षेत्र में युवाओं के मार्गदर्शन करने वाली सुप्रसिद्ध संस्थान समृद्धि एसोसिएट ने महुआ नगर के एक निजी सभागार में "मेडिकल एडमिशन एंड काउंसलिंग प्रोग्राम" विषय पर एक दिवसीय मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया । कार्यक्रम का उद्घाटन महनार के पूर्व विधायक डॉ अच्युतानंद सिंह एवं राघोपुर के पूर्व विधायक सतीश कुमार यादव ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर महुआ के पूर्व उप प्रमुख सत्येंद्र कुमार राय, डॉ आरपी सिंह, डॉ राधे बाबू ,डॉ प्रभात कुमार, प्रो संजय कुमार सिंह, पूर्व मुखिया अजय भूषण दिवाकर, रामप्रवेश राय, मिथिलेश कुमार, सुनील कुमार सिंह ,डॉ उमाशंकर निराला, डॉ बच्चा बाबू राय ,भारतीय शतरंज के प्रशिक्षक दिलीप कुमार भगत सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। 

कार्यक्रम के निर्देशन कर रहे संस्थान के डायरेक्टर शांतनु सरकार ,राजेंद्र प्रसाद, प्रवीण कुमार, अजय कुमार सुमन ने आगत अतिथियों को अंग वस्त्र, बुके एवं घरी देकर सम्मानित किया ।मार्ग दर्शन का विषय प्रवेश कराते हुए डायरेक्टर शांतनु सरकार ने कहा कि गांव की प्रतिभा को उसे सही रास्ता दिखाना बहुत ही जरूरी है अन्यथा वे दिशा विहीन हो जाएंगे। जिसे हमारी संस्थान समृद्धि एसोसिएट युवाओं को किस प्रकार मेडिकल क्षेत्र में सफलता अर्जित कर सके, मार्गदर्शन करने का कार्य करती है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महनार के पूर्व विधायक डॉ अच्युतानंद सिंह ने कहा कि बिहार की कुल आबादी तेरह करोड़ है, जिसमें लगभग 4 से 5 करोड़ युवा वर्ग है ।इनके लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज या अन्य टेक्निकल संस्थाएं बिहार के अंदर होनी चाहिए थी ,यह नहीं है। जब तक इनको स्थानीय जगहों पर व्यवस्था नहीं दी जाएगी ,तब तक उनका विकास संभव नहीं हो सकेगा। 

दुर्भाग्य की बात है कि जब बिहार सरकार के मुख्यमंत्री को तब पता चलता है कि हमारे राज्य के बच्चे विदेश से मेडिकल की पढ़ाई बड़ी संख्या में कर रहे हैं ,जब रसिया यूक्रेन का युद्ध होता है। राघोपुर के पूर्व विधायक सतीश कुमार यादव ने कहा कि हमारे यहां गरीब कमजोर वर्ग के बच्चे मेडिकल इंजीनियरिंग नहीं कर सकते, क्योंकि आज भारतवर्ष में मेडिकल की पढ़ाई करने में बहुत बड़ी राशि की आवश्यकता होती है जिससे मेधावी से मेधावी छात्र भी उसे पूरा नहीं कर सकता। वैसे स्थिति में भारत और खासकर बिहार के बच्चे दूसरे देश जाकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, जहां कम लागत दर में डॉक्टर बन कर वापस आ रहे हैं ।राज्य सरकार और केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए कि किस प्रकार हम अपने युवा वर्ग को एक योग्य डॉक्टर इंजीनियर बना सकते हैं।

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