श्रावण मास की तीसरी सोमवारी पर कंचनेश्वर नाथ धाम मंदिर में उमड़ी दर्शनार्थियों की भीड़
सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
सोनो प्रखंड छेत्र अंतर्गत डुमरी गांव स्थित प्रसिद्ध भगवान कंचनेश्वर नाथ मंदिर में श्रावण मास की तीसरी सोमवारी पर श्रधालु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी । मंदिर में बिराजमान भगवान भोलेनाथ को तकरीबन 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने जल अर्पित कर किया । इसके अलावा बटिया , काली पहाड़ी , ओरैया , आमझरी , सोनो , पंच पहाड़ी , महेश्वरी आदि गांवों के शिवालयों में भी श्रद्धालु भक्तों की भीड़ लगी रही । डुमरी गांव निवासी विद्वान पंडित श्री जटाशंकर पांडेय ने बताया कि श्रावण मास की सोमवार को भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है । उन्होंने बताया कि श्रावण मास की सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है , भगवान शिव को भोले भंडारी भी कहा जाता है और ऐसा माना जाता है कि भक्तों की पुजा से भगवान शिव अति शीघ्र प्रसन्न भी हो जाते हैं । भगवान शिव बैहद दयालु हैं वे अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं करते तथा वे श्रद्धालुओं की पुजा अराधना से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं । साथ ही सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव एवं माता पार्वती दोनों प्रसन्न हो जाते हैं ।
वहीं महेश्वरी गांव स्थित भगवान लक्ष्मीनारायण मंदिर के मुख्य पुजारी सह विद्वान पंडित श्री मुकेश पांडेय ने बताया कि श्रावण मास की सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है , शास्त्रों के अनुसार सोमवार के दिन शिव जी को प्रसन्न करने के लिए पुजा में हरा , लाल , सफेद , केसरिया , पीला या आसमानी कलर का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है । उन्होंने बताया कि सोमवार को यदि आप शिव जी का व्रत रख रहे हैं तो ध्यान रखें कि इस दिन फलाहारी व्रत का पालन करें या फिर मिठा भोजन करें । कोशिश करें कि इस दिन आप केवल मिठी चीजों का ही सेवन करें । इसके अलावा सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी की पुजा अवश्य करें । उन्होंने व्रत के दौरान किये जाने वाले विधान की चर्चा करते हुए बताया कि पुजा के दौरान शिव जी को सिंदूर और तिलक कदापी नहीं लगायें , हो सके तो आप उन्हें
चंदन का टीका लगायें यह बैहद ही शुभ माना गया है । इसके अलावा अक्षत चढ़ाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि चावल का एक भी दाना टुटा हुआ नहीं हो ।
उन्होंने आगे बताया कि भगवान शिव को सफेद रंग का फुल काफी पसंद हे । पुजा के दौरान महा मृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए । इससे शांति एवं सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है । इसके अलावा ऊं नमः शिवाय मंत्र का भी जाप करना चाहिए । भगवान शिव पर दुध चढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि दुध तांबे की लोटे में नहीं हो , इसके लिए स्टील के लोटे का प्रयोग करें । शिव जी की पूजा को बीच में आधा अधुरा छोड़कर नहीं उठना चाहिए । भगवान शिव की पूजा में तुलसी पत्तों का प्रयोग भुलकर भी नहीं करें ।
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