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बारिश नहीं होने से भुमि पर पड़ी दरार किसानों में मचा त्राहिमाम


जमुई / सोनो से चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट

 जमुई जिला चहुंओर घने जंगलों से घिरा हुआ है । जिस कारण जमुई जिले में सदेव बरसात पर निर्भर रहने वाले किसानों के खेतों में बरसात का पानी भरपूर मात्रा में मिलती रही है । लेकिन इस वर्ष के श्रावण एवं भादो महिने में बारिश नहीं के बराबर होने की वजह से जहां किसानों के द्वारा बोये गए धान की फसल जलकर बुरी तरह नष्ट हो गई है वहीं खेतों में बड़ी बड़ी दरारें उभर आई है । जिसे देख आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जो किसान महाजनों ओर बेंको से श्रृण लेकर धान का बीज की खरीद कर बड़े ही उत्साह पूर्वक खेतों में बीज को बो दिया ओर बारिश होने का इंतजार करता रहा , लेकिन जब पुरे सावन ओर भादो मास के अंतिम समय तक बारिश नहीं हुई और खेतों पर बोये गए धान की बीज जलकर नष्ट हो गई तब उन किसानों के उपर क्या गुजर रही होगी । लिहाजा जमुई जिले को सुखाड़ ग्रस्त छेत्र घोषित करने की मांग पुरजोर तरीके से उठने लगी । इसी क्रम में शुक्रवार को सोनो प्रखंड के सभी 19 पंचायतों के मुखिया संघ के द्वारा सुखाड़ ग्रस्त छेत्र घोषित करने की मांग को लेकर हजारों किसानों के साथ प्रखंड मुख्यालय सोनो पहुंचकर धरना प्रदर्शन करते हुए बिहार सरकार के नाम एक ज्ञापन प्रखंड पदाधिकारी को सोंपा गया । 

अब देखना यह है कि प्रखंड मुख्यालय सोनो में सुखाड़ ग्रस्त छेत्र घोषित कराने की मांग को लेकर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसानों सहित जन प्रतिनिधि गणो के द्वारा किया गया धरना प्रदर्शन के बाद भी किसानों की हित को लेकर सरकार द्वारा किसी प्रकार की कोई सहायता उपलब्ध कराई जाती है या नहीं । इधर वन पदाधिकारियों की माने तो जंगलों में भारी संख्या में लकड़ी की कटाई होने के कारण जंगल के विरान हो जाने से दिन प्रतिदिन बारिश में कमि होती जा रही है । हांलांकि जंगलों में लकड़ी की कटाई को रोकने के लिए वन विभाग के द्वारा कड़ी कदम उठाई गई है , इसके बावजूद भी जंगलों के आसपास बसने वाले लोगों द्वारा प्रतिदिन चोरी छुपे भारी मात्रा में लकड़ी की कटाई जारी है । बुढ़े बुजुर्गो की मानें तो अगर लकड़ी की कटाई इसी प्रकार जारी रहा तो आने वाले समय में किसान एक बुंद बरसात का पानी के लिए तरस जायेंगे और किसानों की समस्त भुमि बंजर के रूप में पड़ा रहेगा ।

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