खुद जागरूक बने,तभी ख्त्म होगा प्रदूषण : डॉ भावना
नालंदा संवाददाता: आज मानव विलासिता और भैतवादिता के शीर्ष पर अपना पांव रख चूका है। अपनी निजी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए अंधाधुंध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता जा रहा है,जिसके फलस्वरूप हमारा पर्यावरण प्रदूषण के चरम पर पहुंच चूका है। ये बाते भूगोल विभाग,नालंदा कॉलेज और गौरैया विहग फाउंडेशन की ओर से सात दिवसीय पर्यावरण संरक्षण जागरूकता कार्यशाला में डॉ भावना ने कही।
आगे उन्होंने कहा कि अनियंत्रित भवनों का निर्माण,सरपट सड़कों पर दौड़ती वाहन, खेतों में रसायन व कीटनाशक का प्रयोग,घर से प्रतिदिन निकलते भारी मात्रा में कचरे आदि से प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। इसे रोकने के लिए पहले खुद जागरूक होना होगा और फिर लोगों को जागरूक करना होगा।
प्रकृति सेवक लोगों को करेगे जागरूक
इस अवसर पर फाउंडेशन के निदेशक सह कार्यक्रम के सह समन्वयक राजीव रंजन पाण्डेय ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य प्रकृति सेवक तैयार करना है,जो अपने आसपास व लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे।
इस अवसर पर नीतू कुमारी,सोनल कुमारी,रश्मि कुमारी,सिमरन कुमारी,रवि पासवान,अंबिका भारती सहित अन्य छात्र मौजूद थे।
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