मद्यनिषेध विभाग के टीम द्वारा छापेमारी
वैशाली: पातेपुर थाना क्षेत्र के मौदह चतुर गांव से मद्यनिषेध विभाग के टीम द्वारा छापेमारी के दौरान रुपये बरामद होने के मामले में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर विभाग के अधिकारियों ने उक्त गांव पहुंच कर मामले की जांच की। हालांकि जांच अधिकारी मीडिया से दूर रहना ही मुनासिब समझा इसलिए इस मामले में कोई जानकारी बाहर नही आ सकी। जांच टीम इस मामले में पातेपुर थाना पहुंच कर स्थानीय पुलिस से भी पूछताछ की। मामले के बारे में जीतनी मुंह उतनी बातें कही जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार पातेपुर थाना क्षेत्र के मौदह चतुर गांव में शराब छुपा कर रखने की सूचना मिलने पर मद्यनिषेध विभाग की टीम द्वारा छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नगद रुपये बरामद होने की जानकारी लोगो को मिली थी। जिसकी चर्चा दबी जुबान से पूरे क्षेत्र में हो रही है। हालांकि अधिकारियों द्वारा जप्त कितना रुपया था इसका खुलासा नही हो सका है। छापेमारी के दौरान रुपये मिलने की सूचना किसी के द्वारा वैशाली डीएम यशपाल मीणा को दी गई थी। सूचना मिलने के बाद मामले की जांच के लिए एक टीम रविवार को पातेपुर के मौदह चतुर गांव पहुंची। जहां आरोपी के घर के लोग समेत गांव के लोगो से भी पूछताछ की थी। जांच के दौरान टीम के अधिकारियों ने पातेपुर थाना पहुंच कर थानाध्यक्ष रामशंकर कुमार से काफी देर तक आरोपियों के संबंध में पूछताछ की वही आरोपियों का आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी ली। बताते चले कि बीते 22 सितंबर को पातेपुर थाना क्षेत्र के मौदह चतुर गांव निवासी भिखारी सिंह के घर मद्यनिषेध के अधिकारियों ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान भिखारी सिंह के घर से दो बोरी एवं एक बैग में भरा भारी मात्रा में नगद रुपये बरामद हुआ था।वही बगल के घर के पास स्थित एक भुस्कॉल से छापेमारी टीम ने सात कार्टन अंग्रेजी शराब भी बरामद किया था।जिसे जप्त कर छापेमारी टीम के अधिकारी अपने साथ ले गए थे। वही मौके से भिखारी सिंह का पुत्र प्रिंस कुमार उर्फ मिचईया एवं बगल के एक युवक सच्चिदानंद सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था। स्थानीय लोगो के अनुसार सच्चिदानंद सिंह को अधिकारियों ने आधे रास्ते मे जाकर जिरवाड़ा गांव के पास छोड़ दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी टीम में शामिल मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों द्वारा जप्ती सूची में जप्त रुपये का कोई चर्चा नही किया गया। हालांकि इस संबंध में किसी भी अधिकारी द्वारा कुछ भी बताने से इनकार किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगो मे इस बात ल चर्चा जोरों पर चल रहा है कि आखिर मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों द्वारा जप्त रुपये को धरती निगल गई या आसमान खा गया। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। मालूम हो कि मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों द्वारा छापेमारी के दौरान स्थानीय थाने की पुलिस एवं ग्रामीण चौकीदार को भी इसकी भनक तक नही लगने दी गई थी। जबकि उक्त गांव में उसी स्थान पर पुनः टीम ने देर शाम छापेमारी कर सुरेंद्र सिंह उर्फ भिखारी सिंह के बथान से 12 कार्टन अंग्रेजी शराब भी बरामद किया था। इस संबंध में पातेपुर थानाध्यक्ष रामशंकर कुमार ने बताया कि एक मामले की जांच के लिए मद्यनिषेध विभाग के केंद्रीय टीम पातेपुर आई थी। जांच टीम के द्वारा जो जानकारी मांगी गई है सभी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। बाकी जानकारी के संबंध में कुछ नही कहा जा सकता है।
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