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शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप के की गई पूजा अर्चना


वैशाली:
राघोपुर शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा पूरी धूमधाम से मनाई गई। इस समय शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। मां दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप परम शांति दायक और कल्याणकारी है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा पंडालों, मंदिरों एवं घरों में भक्तों ने आराधना की। माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से अध्यात्मिक शक्ति मिलती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी जातक माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करता है उसे माता की कृपा प्राप्त होती है। इस साल 28 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है। धर्म शास्त्रों के अनुसार मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संहार के लिए अवतार लिया था। इनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों की शक्तियां समाहित है। यह अपने हाथ में तलवार, त्रिशूल, धनुष, गदा धारण करती है। इनके माथे पर घंटे के आकार में अर्धचंद्र विराजमान हैं। इसलिए यह चंद्रघंटा कहलाती है । भक्तों के लिए माता का यह स्वरूप सौम्या और शांत है। नवरात्रि के तीसरे दिन भक्तगण जल्दी उठकर स्नानादि के पश्चात पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़ककर फिर मां चंद्रघंटा का ध्यान कर उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित किया। उसके पश्चात माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि  अर्पित की। इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और केसर दूध से बनी मिठाइयां या खीर का भोग लगाया। फिर मां चंद्रघंटा की आरती की। पूजा के पश्चात किसी भी गलती के लिए भक्त जनों ने क्षमा याचना की।

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