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23 अक्टूबर को मनाया जाएगा धनतेरस का त्यौहार


रिपोर्ट चारोंधाम मिश्रा दावथ (रोहतास)

धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तेरहवी तिथि को मनाया जाता है।इस त्योहार से दिवाली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा।धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरी जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरी देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में धन, सुख-समृद्धि आती है। साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान धन्वंतरी का जन्म हुआ था। उनकी पूजा भी की जाती है.। 


आचार्य  देवबंश पंडितने बताया की

धनतेरस की शुरुआत 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर होगी और 23 अक्टूबर, रविवार को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। धनतेरस का शुभ मुहूर्त 21 मिनट तक रहेगा।धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। प्रदोष काल का समय 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक और वृषभ काल का समय शाम 6 बजकर 58 मिनट से रात 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

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