स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही: आईआयरन विद फोलिक एसिड लिक्विड की सौ बोतल दवा खेत में फेंकी हुई पाई गई
वैशाली: सहदेई बुजुर्ग - सहदेई बुजुर्ग प्रखंड मैं स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही एक बार फिर सामने आई है।एक बार फिर आयरन विद फोलिक एसिड लिक्विड की सौ बोतल दवा प्रखंड के मजरोही उर्फ सहरिया पंचायत के वार्ड संख्या 10 चैनपुर बघेल गांव स्थित धान के खेत में फेंकी हुई पाई गई।इसके पूर्व भी 7 जून को आयरन विद फोलिक एसिड लिक्विड की दर्जनों बोतलें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास फेंकी हुई पाई गई थी।
इस संबंध में बताया गया कि शुक्रवार की देर शाम प्रखंड के मजरोही उर्फ सहरिया पंचायत के चैनपुर बघेल गांव स्थित धान के खेत में आयरन विद फोलिक एसिड की दवा फेंकी हुई पाई गई।बताया गया कि गांव की कुछ महिलाएं शाम में जब खेत की ओर टहलने के लिए निकली थी।इसी दौरान धान के खेत में दवा का कार्टन फेंका हुआ पाया गया।महिलाओं को पहले आशंका हुआ कि कहीं इसमें शराब की बोतलें तो नहीं है।लेकिन उन्ही तीन-चार महिलाओं में से एक महिला ने कार्टन खोलकर देखा तो उसमें दवा पाई गई।
संदिग्ध स्थिति में कार्टन मिलने की सूचना पर सहदेई बुजुर्ग ओपी की पुलिस भी मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच की।बताया गया कि कार्टन में आयरन विद फोलिक एसिड के 50 एमएल की शीशी रखी हुई थी।सभी दवाएं एक्सपायर हो चुकी थी।घटना की जानकारी मिलने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग के सफाई कर्मी महेश कुमार मौके पर पहुंचे और दवा का कार्टून उठाकर अपने साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग लेकर चला गया।उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी 7 जून की सुबह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग के निकट पुलिया के नीचे आयरन विद फोलिक एसिड लिक्विड की 90 से अधिक 50 एमएल की सीसी फेंकी हुई पाई गई।
जो दवा फेंकी हुई पाई गई है,उस पर एक्सपायरी डेट 2023 लिखा था।पिछली बार जब दवा फेंकी हुई पाई गई थी तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा था कि दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती की गई।किसके विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई यह आज तक किसी को पता नहीं चल सका।दूसरी ओर अगर लोग कह रहे हैं कि अगर उस समय दवा फेंकने के मामले में कार्रवाई और समुचित जांच की गई होती तो आज पुनः इस प्रकार की स्थिति नहीं बनती।लोग इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग के प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा बता रहे हैं और पूरे मामले की गहराई से उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की जा रही है।इस संबंध में जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का पक्ष जानने का प्रयास किया गया।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुनील कुमार केसरी ने बताया कि दवा आशा कार्यकर्ता को घर घर जाकर पिलाने के लिए दी गई थी। जो आशा कार्यकर्ता दवा को वितरण न कर उसे फेंक दी है। जिसको लेकर जांच चल रही है, लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं
Type you comments here!