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बिरसा मुंडा की जयंती पर चरित्र प्रदर्शन का आयोजन


लखीसराय:
मंगलवार को लखीसराय जिले के चानन प्रखंड के मध्य विद्यालय लाखोचक में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 147 वीं जयंती पर विद्यालय की बाल संसद द्वारा बिरसा मुंडा पर आधारित रोल प्ले प्रदर्शनी का आयोजन किया गया गया। प्रधानाध्यापक आनंद कुमार एवं बाल संसद के प्रेरक शिक्षक पीयूष कुमार झा की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में अष्टम के छात्र अमन कुमार के द्वारा बिरसा मुंडा के चरित्र को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर सभी छात्रों के द्वारा "ए माय गो माय अगो भारत माय ,तोर नामे हमिन देबै जिनगी गवाय,खोरठा गीत का सामूहिक गान किया गया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए संस्कृत शिक्षक पीयूष कुमार झा ने कहा कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 ईस्वी में हुआ था। ये  बचपन से ही तेजस्वी थे इनके द्वारा बचपन में अकेले  ही एक शेर को मार दिया गया था जिसके बाद ये आदिवासी समाज में पूजनीय हो गये । इन्होंने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आदिवासी समाज को एकत्रित कर देश को आजाद कराने हेतु आंदोलन किया साथ ही ये आदिवासियों के ईसाई धर्म में धर्मांतरण के विरोध में कठोरता से सबों को जागरूक करने का काम किया। अंग्रेजी सरकार के द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा जेल में ही खराब खाने से हैजा हो जाने के कारण 9 जून 1900 ईस्वी में इनकी मृत्यु हो गई।भारत सरकार के द्वारा इनके जन्मदिन के अवसर पर ही झारखंड राज्य का गठन कर इनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया गया। इसके बाद सभी छात्रों के द्वारा बिरसा मुंडा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम के सामूहिक गान से हुआ।

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