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पान की खेती को पुनर्जीवित कराने तथा केले का जीआई टैग के लिए प्रयास किया जाय: - जिलाधिकारी


वैशाली: हाजीपुर:
जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति एवं जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक में कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिले में पान की खेती को पुनर्जीवित कराने के लिए किसानों से सम्पर्क किया जाय और जरूरी हो तो किसानों का समूह नालन्दा अथवा अन्य जिले अथवा बिहार के बाहर भेज कर जहाँ पान की खेती हो रही है वहाँ इनका भ्रमण कराया जाय। बैठक में उपस्थित श्री संजीव कुमार चौरसिया ने बताया कि वैशाली में पहले पान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी और केले की तरह ही यहाँ के पान का अलग पहचान था। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि पान की खेती किसानों के आमदनी का एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए यहाँ के किसानों को प्रोत्साहित किया जाय। जिलाधिकारी के द्वारा केले का जीआई टैग कराने के लिए प्रयास करने का निर्देश देते हुए कहा गया कि जीआई टैग हो जाने से इसका और बाहर में माँग बढ़ेगी जिसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को

मिलेगा। जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में उपस्थित पातेपुर के माननीय विधायक श्री लखेन्द्र कुमार रौशन ने बताया कि पातेपुर और जन्दाहा में इस बार धान की फसल बहुत अच्छी हुयी है परन्तु कृषि विभाग के द्वारा धान के उत्पादन का आकलन कम किया गया है। इस पर जिलाधिकारी के पूछने पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि उत्पादन फसल कटनी के आधार पर आकलित की जाती है।

जिलाधिकारी के द्वारा पारदर्शी तरीके से उर्वरकों का प्रखंड वार आवंटन देने तथा रिटेलर की दूकान का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन करते रहने का निर्देश दिया गया। निर्धारित दर पर ही उर्वरक बिके तथा इसका कालाबाजारी नहीं हो इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बतायी गयी और कहा गया कि कहीं से भी शिकायत मिलने पर कार्रवाई तय मानी जाय। गेहूँ बीज वितरण के संबंध में बताया गया कि जो लक्ष्य निर्धारित है उससे थोड़ा कम आवंटन प्राप्त हुआ है। डीजल अनुदान की समीक्षा में बताया गया कि इसके कुल 48 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 30302 आवेदनों को स्वीकृत करते हुए कुल 2 करोड़ 70 लाख 87 हजार की राशि सीधे लाभुक किसानों के खाते में बैंक के माध्यम से भेजी गयी है।प्रधानमंत्री किसान सम्माननिधि योजना की प्रगति की बारे में पुछने पर बताया गया कि कुल 3541 नया आवेदन प्राप्त हुआ है जिसके जाँच की कार्रवायी की जा रही है। पुराने में कुल 210745 आवेदन स्वीकृत किये गये थे। इसमें से 35 प्रतिशत का भौतिक रूप से सत्यापन कर लिया गया है। भौतिक सत्यापन के कुल पाँच बिन्दु निर्धारित है जिसके आधार पर यह सत्यापन किया जा रहा है। कृषि अवशेष प्रबंधन के बारे में पूछने पर बताया गया कि यहाँ पराली जलाने का मामला शून्य है तथा जिला में हारवेस्टर संबंधी प्रतिवेदन भी शून्य है।जिलाधिकारी के द्वारा कृषि विभाग के पदाधिकारियों को आने वाले 25 नवम्बर को स्थानीय अक्षयवट राय स्टेडियम में जिला स्तरीय कृषि यांत्रिक मेला लगाने, उसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराने तथा सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कृषि उपकरण किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।बैठक में जिलाधिकारी के साथ माननीय विधायक पातेपुर श्री लखेन्द्र कुमार रौशन, उप विकास आयुक्त श्री चित्रगुप्त कुमार कृषि विभाग के पदाधिकारी, प्रतिज्ञा सामाजिक सेवा संस्थान के सचिव श्री संजय कुमार सिंह, श्री संजीव कुमार चौरसिया सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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