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चक सिंगार पंचायत के दो दर्जन घर एवं सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन गंगा के गर्भ में विलीन


वैशाली:
राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के चक सिंगार पंचायत अंतर्गत रामपुर करारी बरारी गांव में हो रहे गंगा नदी के कटाव से विगत दो-तीन दिनों के अंदर दर्जनों घर एवं सैकड़ों एकड़ खेती योग्य उपजाऊ भूमि गंगा के गर्भ में विलीन हो गए हैं l कटाव के कारण रविंद्र सिंह उर्फ रवि सिंह , जगदीश महतो ,उमेश पंडित, सुदामा पंडित, भरत पंडित, शिव चंद्र पंडित, अशोक महतो, सुबोध महतो, सुजान महतो, कन्हैया महतो, संतोष महतो, मल्लू महतो, सरालू महतो, बसंत महतो का घर गंगा के घर में विलीन हो गया हैl कटाव के कारण विस्थापित परिवार खुले आसमान के नीचे ऊंचे टीले पर शरण लिए हुए हैं l रामपुर बरारी गांव में हो रहे कटाव के कारण ग्रामीण भयभीत हैं l 3 दिनों से कटाव की रफ्तार बढ़ गई है l शुक्रवार, की सुबह से हैं रामपुर बरारी गांव में भीषण कटाव शुरू हो गया है l देखते ही देखते दर्जनों घर एवं सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि गंगा के घर में विलीन हो चुकी हैl कटाव के कारण कई ग्रामीण आनन-फानन में अपने घर को उजाड़ कर भाग रहे हैंl ग्रामीणों का कहना है कि कटाव की प्रक्रिया तेज है l कटाव के कारण पूरे गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है l कटाव के कारण ग्रामीण भयभीत हैं l बिहार सरकार और जिला प्रशासन जो कटाव को रोकने में विफल हो रही है l साथ ही उनकी विफलताओं और जगह जगह पर हो रहे कटाव को रोकने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है l पिछले एक दशक से रामपुर बरारी बरारी गांव कटाव का दंश झेल रहा है l सैंकडों घर गंगा नदी में समाहित हो चुका है और जो बचा हुआ है वह भी गंगा नदी में समाहित होने के कगार पर आ चुका है l गंगा नदी में भयंकर कटाव से भय व्याप्त लोग हमेशा काल के गाल में रहने जैसा प्रतीत होता है l कितनी बड़ी चुनौतियों का सामना करना लोग प्रतिवर्ष करते हैं lप्रशासन केवल मूकदर्शक बना रहता है l रामपुर बरारी के 10 नंबर वार्ड के वार्ड सदस्य छोटन सिंह एवं ग्रामीणों ने बताया कि गांव से महज पांच मीटर की दूरी पर गंगा का कटाव पहुंच गया है l किसी भी समय रामपुर बरारी बरारी गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामपुर करारी बरारी, रामपुर करारी करारी गांव के 10 नंबर वार्ड कभी भी गंगा के गर्भ में विलीन हो सकते हैं l रामपुर करारी बरारी गांव के लोगों का कहना है कि अगर कटाव की रफ्तार इसी तरह से रहा तो कभी भी रामपुर बरारी बरारी गांव राघोपुर प्रखंड के मानचित्र से समाप्त हो जाएगा l ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक दशक से हजारों परिवार इस गांव से पलायन कर गए हैl जो सुखी संपन्न हैं उन्होंने शहरों में अपना आशियाना बना लिया है l सिर्फ खेती बारी के समय यहां आते हैं और झुग्गी झोपड़ी बनाकर कुछ दिन के लिए जाते हैं और खेती बारी का समय समाप्त होते ही पुनः अपने शहर में बने घर की ओर लौट जाते हैं l कटाव के वजह से रामपुर करारी बरारी गांव के लोगों को हर वर्ष क्षति उठानी पड़ती है l इस समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय विधायक एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर लोगों की निगाहें टिकी हैl अगर समय रहते इस समस्या की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया तो कटाव के वजह से रामपुर करारी बरारी गांव के लोगों को भारी क्षति उठानी पड़ सकती है तथा राघोपुर प्रखंड से रामपुर करारी बरारी गांव का नामोनिशान सदा सदा के लिए मिट जाएगा l ग्रामीणों का कहना है कि यदि यथाशीघ्र कटाव निरोधी कार्य नहीं किया गया तथा विस्थापित परिवारों को शरण नहीं दी गई तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे जिसके पूर्ण जिम्मेवारी जिला प्रशासन एवं सरकार की होगी l

रविन्द्र सिंह उर्फ रवि सिंह की 50 वर्ष पहले लगभग 5लाख रुपये की लागत से बनी चौदह कमरा का छतदार मकान, शौचालय, चापाकल आदि गंगा के गर्भ में विलिन हो जाने के कारण गंगा नदी का दूषित जल पूरे परिवार पीने को विवश है। तथा सभी परिवार प्लास्टिक का टेन्ट बनाकर रहने को विवश है। जिसके कारण हिसंक जानवरो तथा असमाजिक तत्वों का मय बना हुआ है। रातभर पूरे परिवार रतजगा करने को विवश है।

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