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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा गणित दिवस आयोजित


सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट 

गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देव सुंदरी मेमोरियल महा विद्यालय झाझा इकाई के द्वारा महा विद्यालय के प्रांगण में गुरुवार को गणित दिवस मनाया गया । नगर कार्यकारिणी सदस्य हरिनंदन प्रजापति ने कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए कहा कि गणित सभी विषयों का सार है , कहा जाए तो गणित के बिना जिंदगी अधूरा सा होता है , क्योंकि गणित का जीरो का महत्व यह बताता है कि गणित हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है । मौके पर प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर अफजर शमसी ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में एक तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ थ । रामानुजन ने कुंभकोणम के सरकारी कॉलेज में पढ़ाई की थी , लेकिन गणितीय विषयों में उनकी रुचि ना होने से 12 वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे । उन्होंने कहा कि जीस स्कूल में वह 12 वीं में दो बार फेल हुए आज उसका नाम रामानुजन के नाम पर है । रामानुजन ने 32 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारथ हासिल कर ली थी ।उन्होंने कई प्रेमेय विकसित कर कई फार्मूले इजाद किए । उनके इस कमाल से दुनिया भर के गणितज्ञ हैरान रह गए थे । मौके पर नगर उपाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश पासवान ने कहा कि दूसरा विश्व युद्ध होने से कुछ महीने पहले रामानुजन ने ट्रिनिटी कॉलेज ज्वाइन कर लिया । सन 1916 में उन्होंने बैचलर इन साइंस की डिग्री ली । लंदन की मैथमेटिकल सोसायटी में 1917 में उनका चुनाव कर लिया गया । सन् 1918 में रामानुजन ने कैंब्रिज फिलोसॉफिकल सोसायटी , रॉयल सोसायटी तथा ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज तीनों का फैलो चुना गया । सन 1919 में भारत लौट आए श्रीनिवास रामानुजन की बेहद ही कम उम्र में टीवी रोग से ग्रस्त होने के कारण 26 अप्रैल 1920 को उनका निधन हो गया , जो भारत के लिए अपूरणीय क्षति हुई । मौके पर महाविद्यालय प्रोफेसर ईश्वर कुमार पासवान , शाहिद अंसारी , संजय कुमार चौधरी व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर कार्यकारिणी सदस्य रंजन चंद्रवंशी , विशाल पासवान तथा पंकज कुमार आदि उपस्थित रहे ।

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