झुलसा रोग से बचाव को ले किसानों ने खेत में किया दवा का छिड़काव
वैशाली: महुआ प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में झुलसा रोग से बचाव को लेकर किसानों को अपने अपने खेतों में खाद का छिड़काव करते देखा गया। बताते चलें कि मौसम की बेरुखी से आलू की फसल में पिछेता का झुलसा रोग लगने की संभावना पैदा होने लगी है। जिसे लेकर बचाव हेतु किसान तत्पर हो रहे हैं। किसान खेत में देखभाल करने लगे हैं लेकिन मौसम की बेरुखी से आलू की फसल में झुलसा रोग से लड़ने के लिए किसानों ने अपनी कमर कस ली है। मैदानी इलाकों में यह रोग बड़ी तेजी से फैलता है ।पैदावार पर भी इसका खासा असर पड़ता है। रोग ग्रसित पौधे की पत्तियां पर भूरे रंग के दाग के चारों ओर हल्के पीले रंग का घेरा पड़ जाता है। बाद में दाग भूरे काले और पानी में भीगे हुए लगते हैं। सुबह पत्तियों पर फफूंद लग जाती है। इससे बचाव के लिए मैनकोज़ेब युक्त दवा का पहले से छिड़काव करते ग्रामीण किसानों को देखा गया। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों का कहना है की कुछ प्रजातियों में झुलसा रोग होने की संभावना अधिक होती है। इसे लेकर किसानों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। वह इस दौरान आलू उत्पादक किसानों में नमन पाठक , मेघन पाठक , वकील राय , सदानंद चौधरी , जितेंद्र चौधरी , शशि शेखर चौधरी , आशुतोष कुमार झा , सुधीर कुमार झा इत्यादि लोगों ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से दवा उपलब्ध नहीं कराए जाने पर मजबूरन हम किसानों को खुले बाजार से कीटनाशक दवाइयों की खरीदारी कर आलू में झुलसा रोग से बचाव को लेकर छिड़काव का कार्य शुरू कर दिया गया है।
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