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शिक्षा ही मोक्ष की प्राप्ति का एकमात्र साधन:- डॉ प्रकाश चतुर्वेदी


दावथ (रोहतास)
शिक्षा मनुष्य के भीतर अच्छे विचारों का निर्माण करती है, मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। बेहतर समाज के निर्माण में सुशिक्षित नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इंसानों में सोचने की शक्ति होती है इसलिए वो सभी प्राणियों में श्रेष्ठ है लेकिन अशिक्षित मनुष्य की सोच पशु के समान होती है। वो सही गलत का फैसला नहीं कर पाता। इसलिए शिक्षा मानव जीवन के लिए ज़रूरी है, जो उसे ज्ञानी बनाती है।

भारतीय संस्कृति में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में चार लक्ष्य माने गए हैं जिन्हें पुरुषार्थ की संज्ञा दी जाती है – धर्म , अर्थ , काम , मोक्ष। इन चारों में से मोक्ष सबसे अधिक पवित्र एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का चरम उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः शिक्षा ही मोक्ष की प्राप्ति का एकमात्र साधन माना गया है।

लेकिन शिक्षा का उद्देश्य मात्र शिक्षित होना नहीं होता, बल्कि शिक्षा के कई अन्य मकसद होते हैं। यह बातें जे पी के इंटर कॉलेज बभनौल के प्रांगण में कॉलेज के सचिव डॉ प्रकाश चतुर्वेदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा। मौका था शिक्षा के उद्देश्य गोष्ठी का आयोजन। इस आयोजन में सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने भाग लिया और शिक्षा के उद्देश्य को समझा। मौके पर कॉलेज के प्रिंसिपल विक्की चौबे, परीक्षा नियंत्रक चारों धाम मिश्रा वरीय शिक्षक उमेश पाठक, राजू रंजन दुबे ,कौशल पांडेय,मिथिलेश चौधरी राजकिशोर केसरी ,मदन चौबे शिव शंकर दुबे, दिनेश पांडेय, के के पांडेय, पुष्पेंद्र दुबे अभिषेक कुमार, शिमला कुमारी ,शिल्पी कुमारी ,कुमारी नीलम ,सहित कई लोग उपस्थित थे।

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