महुआ नगर परिषद से लेकर गांव गिराव में अपने स्तर से अलाव जला रहे लोग
शीतलहर और कनकनी में गरीबों के लिए अलाव ही सहारा
वैशाली: मौसम का मिजाज बदलने से ठंड और कंपनी बढ़ गई है। लोग शीतलहर के चपेट में है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से न तो नगर परिषद के किसी चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है और ना ही ग्रामीण इलाकों में। इस कड़ाके की ठंड में लोग अपने स्तर से अलाव जलाकर ठंड से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं।
सोमवार को महुआ नगर परिषद के लोगों ने बताया कि कड़ाके की ठंड और शीतलहर के चपेट में जाने के बावजूद कहीं भी प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। यहां नगर परिषद के गांधी स्मारक चौक से लेकर बच्चन शर्मा स्मारक, थाना चौक, गोला रोड, पातेपुर रोड, समस्तीपुर रोड, पीएचसी द्वार, अनुमंडल कार्यालय द्वार, स्टैंड, जवाहर चौक, पुराना बाजार, मंगरू चौक, पंचमुखी चौक, फूदेनी चौक सहित विभिन्न जगहों पर लोगों का जमावड़ा होता है। फिर कही भी अलाव की व्यवस्था नहीं किया जाना प्रशासन के लिए यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है। जवाहर चौक पर अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे संजय गुप्ता, मनोज कुमार, सुरेश, अमरजीत, नरेश, बबलू आदि ने बताया कि कई दिनों से प्रशासन की राह ताककर अपने स्तर से अलाव जलाया है। महुआ बाजार से विभिन्न स्थानों के लिए राजगीर आते जाते हैं। फिर भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। यहां अलाव की व्यवस्था नहीं होने से गरीब मजदूर, रिक्शावाले, ठेलावाले, खोमचेवाले, रेहड़ीवाले, फुटपाथ दुकानदार, राहगीर, आमजन आदि को परेशानी हो रही है। गांव गिराव में लोग पत्ते, कूड़े, कचरे या अपने स्तर से अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। गांव में तो इस समय सभी लोगों के लिए अलाव ही बड़ी सहारा है।
गैस चूल्हा को छोड़कर लकड़ी के जलावन का उपयोग कर रहे लोग:
ठंड के कारण इस समय गांव के लोग गैस चूल्हा को बाय-बाय कर दिया है और वह लकड़ी के जलावन का उपयोग कर रहे हैं। जिन घरों में मिट्टी के चूल्हे नहीं थे वहां ईंट आदि के चूल्हे बनाकर लकड़ी के जलावन से खाना तैयार किए जा रहे हैं। गृहिणियों का कहना है कि लकड़ी के जलावन पर खाना बनाने से उसमें तपन होती है और उन्हें ठंड से बचाव होता है। गांव में लकड़ी के चूल्हे के पास कई लोग भी बैठकर ठंड से निजात पा लेते हैं। लोगों ने बताया कि ठंड को देखते हुए लकड़ी को ही खरीद कर लाते हैं और उसी का उपयोग जलावन में करते हैं। इस समय गांव में 80 फीसद लोग गैस चूल्हा के बजाय लकड़ी के जलावन पर ही खाना बना रहे हैं।
ठंड में अंडे की मांग बढ़ी:
ठंड में अंडे की मांग काफी बढ़ गई है। इस समय चौक चौराहों, फुटपाथ, सड़क किनारे में अंडे के दुकान खुले हैं और लोग वहां खरीदारी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि ठंड में अंडा खाने से गर्मी आती है। अंडा दुकानदार धर्मेंद्र पांडे ने बताया कि इस समय अंडा की बिक्री काफी बढ़ गई है। इस वक्त वक्त अंडा लाते हैं और वह तुरंत बिक जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि ठंड में मांग बढ़ने से प्रति अंडा की कीमत में एक रुपए की बढ़ोतरी हो गई है।
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