सुरौली में सारस्वत कार्यक्रम में बही काव्यधारा
अनुमंडल ब्यूरो छोटन कुमार की रिपोर्ट // विभूतिपुर प्रखंड के सुरौली गाँव में प्रा0कन्या विद्यालय के प्रांगण में सरस्वती साहित्य मंच के तत्वावधान में भव्य काव्य संध्या का आयोजन हुआ।अध्यक्षता "अभिव्यक्ति" के अध्यक्ष चाँद मुसाफिर ने की जबकि संचालन "ज्योति कलश" के अध्यक्ष राजा राम महतो ने किया।जब अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए चांद मुसाफिर ने पढ़ा " उजालों को निगल रहा आजकल अंधेरा,उल्लुओं ने डाला है कुसियों पर डेरा" तो श्रोता आज की राजनीतिक और सामाजिक विद्रूपता पर चिंतन करते दिखे।चर्चित साहित्यकार राजा राम महतो ने जब कहा " है संत वही आजकल, जिसको न मिला मौका, रिश्तों के क्रिकेट में मौकापरस्ती का चौका" तो लोग अवसरवादिता और स्वार्थपरता से जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव से दुखी दिखे।वरिष्ठ मैथिली कवि रमाकांत राय रमा की कविता" एना कुहकब त कोइलिया माहुर खाक मरत" ने काफी तालियां बटोरी।अमित कुमार मिश्र की गजल रचना " चलो हजार नहीं एकबार कर डालो,हंसीं गुलाब चुनो और प्यार कर डालो" ने श्रोताओं को देर तक गुदगुदाया।युवा कवि और कार्यक्रम समन्वयक सुमन कुमार मिश्र की देशभक्तिपूर्ण कविता " खंड खंड विवाद को खंड कर अखंड भारत का निर्माण किया" ने भी लोगों को चिंतन के लिए बाध्य किया।साहित्यकार मिंटू कुमार झा की कविता "देख आफत कई तो निकल जायेंगे,लोग अपने भी बदल जायेंगे " ने पारिवारिक जीवन की विडंबनाओं को रेखांकित किया।कवयित्री स्वयं प्रभा की कविता"सारी धरा तुम्हारी हीं गीत गा रही है "ने मां शारदे की भक्तिभाव को संचारित किया वहीं अनिल कुमार झा की रचना ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति की विशालता को पश्चिम की संस्कृति से नकल के दुष्प्रभाव पर ध्यान आकृष्ट किया।इससे पूर्व अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।आयोजन समिति के द्वारा कवियों को शॉल और पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में अन्य लोगों के अतिरिक्त प्रधानाध्यापक विनोद कुमार मिश्र,राम यत्न मिश्र,राम उदित मिश्र,सुरेंद्र कुमार मिश्र, प्रियेशोक कुमार ललन,अभिनंदन कुमार,जलज कुमार मिश्र,हेमंत मिश्र,कुमारी नीलिमा,समेत दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
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