भू-अर्जन कैम्प में 332 किसानों को 12 करोड़ 87 लाख रू0 का किया भुगतान
वैशाली: हाजीपुर,सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत् एनएच-119डी के भू-अर्जन कार्यों में तेजी लाने एवं रैयतों का बकाया मुआवजा भुगतान करने के लिए जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा के निर्देश पर वैशाली जिला के पातेपुर, जन्दाहा एवं राजापाकर अंचलों में तिथि निर्धारित कर त्रिदिवसीय कैम्प लगाया गया था एवं इन कैम्पों में जिला भू-अर्जन कार्यालय के सहायक राजस्व लिपिक, अमीन, राजस्व पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारियों के साथ-साथ जिला स्तर से वरिय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी।
पातेपुर अंचल में यह कैम्प फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में 03.04 एवं 06 फरवरी को बहुआरा, अबाबकपुर कोआही, डभैच, नीरपुर एवं जगदीशपुर खास में लगाया गया था जहाँ कुल 247 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 137 आवेदनों का कैम्प में ही निष्पादन करते हुए कुल 7 करोड़ 21 लाख 94 हजार की राशि का भुगतान किया गया।
जन्दाहा अंचल में कैम्प फरवरी माह के द्वितीय सप्ताह में 10,11 एवं 12 फरवरी को बिलन्दपुर धंधुआ गराही, कादिरपुर, मुकुन्दपुर एवं चकखाजो में लगाया गया था जहाँ कुल 216 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 123 आवेदनों का कैम्प में ही निष्पादन करते हुए कुल 03 करोड़ 40 लाख 79 हजार की राशि का भुगतान किया गया।
जन्दाहा अंचल में कैम्प फरवरी माह के तृतीय सप्ताह में 20.21 एवं 22 फरवरी को जाफरपट्टी, सरमस्तपुर, बाकरपुर एवं हरपुर हरदास में लगाया गया था जहाँ कुल 89 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 72 आवेदनों का कैम्प में ही निष्पादन करते हुए कुल 02 करोड़ 24 लाख 53 हज़ार की राशि का भुगतान किया गया। इस प्रकार इन । कैम्पों के माध्यम से कुल 332 किसानों को 12 करोड़ 87 लाख 28 हजार की राशि का भुगतान किया गया। इन कैम्पों में कुल 552 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 220 आवेदनों का त्रुटि निराकरण, आपसी सहमती एवं जरूरी राजस्व कागजात प्राप्त कर जिला भू-अर्जन कार्यालय से भुगतान की कार्रवाई की जा रही है।
जिलाधिकारी के द्वारा अपर समाहर्त्ता के साथ नियमित रूप से इन कैम्पों का भ्रमण किया गया एवं कैम्प में रैयतों को कोई परेशानी नहीं हो एवं उनका एलपीसी सहित जरूरी कागजात भी बन जाय इसको लेकर पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया गया। कैम्प में कुल 90 रैयतों को एलपीसी भी उपलब्ध कराया गया। इसके आलावा अमीन के माध्यम से स्थल के दखल कब्जा का भौतिक सत्यापन कराकर विवादों का निपटारा किया गया। इन कैम्पों में लोगों ने भी रूची दिखायी।
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि पुराने आपसी विवादों को कारण मुआवजा का निपटारा करने में कठिनाई आई है। उन्होंने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत वैशाली जिला के चार अंचलों- पातेपुर जन्दाहा, राजापाकर एवं महुआ अन्तर्गत 38 किमी पथ का निर्माण होना है जिसके लिये 43 मौजा के कुल 204 हेक्टेयर जमीन का भू-अर्जन किया गया है। इनमें से 42 मौजों का दखल कब्जा एचएचएआई को करा दिया गया है। एनएचएआई के माध्यम से यह कार्य मेघा कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया जा रहा है। मेधा कंस्ट्रक्शन के द्वारा 38 किमी में से 25 किमी के पथ का भू-समतलीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
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