कुर्था अरवल, इन दिनों कुर्था थाना दलालों का अड्डा बना हुआ है जहां दलाल अपने आप को थाने के अधिकारी से काम नहीं आकते हैं दिनभर थाने में जमे रहना एवं थाने के कार्यों में हस्तक्षेप करना उनकी दिनचर्या बन गई है ऐसे में थाने के अधिकारी भी उन दलालों को इन दिनों जमकर प्राथमिकता दे रहे हैं सूत्रों की माने तो थाने में दलाल इतने सक्रिय हो गए हैं कि थाने के कई कार्यो से लेकर केस मुकदमा में फंसे लोगों का भी निष्पादन पैसे की लेनदेन कर करा देते हैं यहां तक की कई दलाल ऐसे सक्रिय है कि वह दिनभर अधिकारियों के पिट्ठू बने रहते हैं जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा हालांकि सूत्रों की माने तो कुर्था थाना में सुबह से ही कई सफेद पोस दलाल थाने का चक्कर काटते रहते हैं जैसे ही कुर्था थाना में फरियादी अपनी फरियाद लेकर थाना परिषर में प्रवेश करते हैं वैसे ही दलाल उनके पीठ पीछे लग जाते हैं और उनके फरियादों पर हस्तक्षेप करने लगते हैं इतना ही नहीं थाना के अधिकारी उनके फरियाद को सुनते हैं इसके पहले ही दलालों द्वारा उनके समस्या को अधिकारियों को बता दिया जाता है और उसके बाद फरियादियों से एकमुस्त रकम तय किया जाता है की इतनी रकम देंगे तो आपके मामलों को गंभीरता से लेते हुए कानूनी कार्रवाई किया जाएगा हालांकि सूत्रों की माने तो थाने में पदस्थापित कई अधिकारी भी उन दलालों के आब भगत करते रहते है तथा उनकी बातों को प्राथमिकता देते हुए कार्य करते हैं जिससे लोगों को न्याय मिलने में काफी परेशानी होती है वहीं सूत्रों की माने तो अधिकारी भी थाने में पहुंचने वाले दलालों को जमकर आब भगत करने में कोई कसर नही छोड़ते हैं।
कुर्था अरवल, इन दिनों कुर्था थाना दलालों का अड्डा बना हुआ है जहां दलाल अपने आप को थाने के अधिकारी से काम नहीं आकते हैं दिनभर थाने में जमे रहना एवं थाने के कार्यों में हस्तक्षेप करना उनकी दिनचर्या बन गई है ऐसे में थाने के अधिकारी भी उन दलालों को इन दिनों जमकर प्राथमिकता दे रहे हैं सूत्रों की माने तो थाने में दलाल इतने सक्रिय हो गए हैं कि थाने के कई कार्यो से लेकर केस मुकदमा में फंसे लोगों का भी निष्पादन पैसे की लेनदेन कर करा देते हैं यहां तक की कई दलाल ऐसे सक्रिय है कि वह दिनभर अधिकारियों के पिट्ठू बने रहते हैं जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा हालांकि सूत्रों की माने तो कुर्था थाना में सुबह से ही कई सफेद पोस दलाल थाने का चक्कर काटते रहते हैं जैसे ही कुर्था थाना में फरियादी अपनी फरियाद लेकर थाना परिषर में प्रवेश करते हैं वैसे ही दलाल उनके पीठ पीछे लग जाते हैं और उनके फरियादों पर हस्तक्षेप करने लगते हैं इतना ही नहीं थाना के अधिकारी उनके फरियाद को सुनते हैं इसके पहले ही दलालों द्वारा उनके समस्या को अधिकारियों को बता दिया जाता है और उसके बाद फरियादियों से एकमुस्त रकम तय किया जाता है की इतनी रकम देंगे तो आपके मामलों को गंभीरता से लेते हुए कानूनी कार्रवाई किया जाएगा हालांकि सूत्रों की माने तो थाने में पदस्थापित कई अधिकारी भी उन दलालों के आब भगत करते रहते है तथा उनकी बातों को प्राथमिकता देते हुए कार्य करते हैं जिससे लोगों को न्याय मिलने में काफी परेशानी होती है वहीं सूत्रों की माने तो अधिकारी भी थाने में पहुंचने वाले दलालों को जमकर आब भगत करने में कोई कसर नही छोड़ते हैं।