इमामगंज बाजार में अपराधियों का है कब्जा, दशहरा पर्व पर दशमी को अपराधियों ने एसपीओ सुभाष पासवान को चार गोली मारकर किया था हत्या


हिंसा प्रतिहिंसा के आग में एजेंटी को लेकर कई लोगों की गई जान

फल विक्रेता से अपराधियों ने मांगी चार लाख नही देने पर किया फायरिंग

वंशी (अरवल) हिंसा प्रतिहिंशा के आग में जल रहा इमामगंज बाजार में कभी नक्सलियों का गढ़ सेफ जोन माना जाता था. वही इन दिनों अपराधियों का बोलबाला है. अपराधी दिन के उजाले में इमामगंज बाजार में गोली चलाकर रंगदारी मांगना. हत्या करना आम बात सी हो गई है. इमामगंज बाजार में थाना बनने के बाद भी पुलिस अपराधियों पर सिकंजा कसने में विफल है. पटना जिला के अंतिम सीमा पर बसा इमामगंज बाजार का प्रखंड कार्यालय पालीगंज है. वही थाना मुख्यालय पालीगंज था . जब ख़िरीमोड थाना बनी तो इमामगंज बाजार का थाना ख़िरीमोड बनाया गया. फिर भी पुलिस के पहुचने से पहले ही अपराधियों घटना कर आराम से भाग निकलते थे. आज कुछ माह पहले ही इमामगंज बाजार का अपना थाना बनाया गया. जहां थाना में नए थाना प्रभारी दीपू मंडल है. कभी नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले इमामगंज बाजार में दर्जनों लोगों की हत्या दुकानदार से रंगदारी मांगने बस स्टैंड पर रंगदारों का कब्जा में कई लोगों ने अपनी जान जमाई. बस एजेंटी को लेकर इमामगंज बाजार रहा है अपराधियों का बोलबाला. इमामगंज बाजार में नक्सली संगठन संग्राम समिति  का कब्जा था. बाजार में समाग्री खरीदने आए कंसारा निवासी समाजसेवी विजय शर्मा समेत अन्य कई लोगों को दिन के उजाले में गोली मारकर हत्या कर नारे लगाते नक्सली संगठन आराम से भाग जाते .वही 1990 के दशक में  बस एजेंटी को लेकर  माओवादी संगठन के हथियार बन्द दस्ता दिन के उजाले में श्रवण कुमार कुशवाहा को गोली मारकर हत्या कर दिया. वही मोबाईल टावर में देवरतन सिंह कुशवाहा एवं ललन सिंह को गोली मारकर हत्या कर दिया. वही बस एजेंट कामेश्वर सिंह को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दिया. बताते चलें कि इमामगंज बाजार में कामेश्वर सिंह के हत्या के बाद अपराधियों का सरगना महिला एजेंट को रखा. बसंती रानी के नाम से मशहूर एजेंट अपनी फिरक्त जलवा से रंगदारी बस से वसूलने लगी. देखते ही देखते बसंती रानी अपनी बदौलत एजेंटी से इमामगंज बाजार में एक मकान भी खरीदी. लेकिन पिछले साल दीपावली के धनतेरस को वसंती देवी को अपराधियों ने गायब कर दिया. बसंती रानी को गायब होने खबर पूरे क्षेत्र में आज भी पहेली सी बनी हुई है. सूत्रों का कहना है कि इमामगंज बाजार से एजेंटी से महीना में एक से डेढ़ लाख रुपये से अधिक कमाई होती हैं.बस एजेंटी में मोटी रकम को लेकर अपराधियों का निशाना बराबर  अपना कब्जा जमाने में हत्या तक करने से नही चूकते. बंसती रानी के बाद बस स्टैंड पर नए युवक ने अपना कब्जा जमाया. एनएच110 अरवल जहानाबाद मुख्य सड़क में इमामगंज बस स्टैंड एवं करपी रोड में  बस स्टैंड पर एजेंटी के पैसा बस हो या टेम्पू से  50 रुपये प्रति वाहन चालकों से वसूली किया जाता हैं. 

इमामगंज बाजार में नही रुक रही हैं रंगदारी....

बताते चलें कि शुसाशन की सरकार नीतीश कुमार ने इमामगंज बाजार से नक्सलियों को उखाड़ फेंका.लेकिन बाजार में इन दिनों अपराधियों का रंगदारी मांगने हत्या करने जैसे संगीन अपराध सामने हैं. बीते दिनों अक्टूबर को दिन के उजाले में तीन के संख्या में मोटरसाइकिल पर सवार आए अपराधियों ने फल विक्रेता विशाल साव से चार लाख रुपए की रंगदारी मांगी. रंगदारी के पैसा नहीं जमा करने पर फल दुकान पर पांच राउंड फायरिंग कर दिन के उजाले में हथियार लहराते आराम से भाग निकला. वही इमामगंज पुलिस  से सम्बंध रखने वाले पूर्व एसपीओ सुभाष पासवान को इमामगंज पुरानी बाजार स्थित दुर्गा पूजा के बना पंडाल के पास दशहरा दशमी को ही अपराधियों ने चार गोली मारकर हत्या कर दिया. इस घटना में पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा है. लेकिन अपराधी पुलिस के चंगुल से बाहर है. इमामगंज बाजार में हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नही है. इमामगंज बाजार में आज भी अपराधियों का बोलबाला है.

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