जिलाधिकारी बांदा की आदेशों का ग्राम पंचायत के अधिकारी द्वारा किया जा रहा दरकिनार


उत्तर प्रदेश बांदा संवाददाता संजय कुमार की रिपोर्ट 

         बांदा बिसंडा ब्लाक के ग्राम पंचायत पारा का है जहां पर पारा ग्रामीणों ने समाधान दिवस तहसील में प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है।साथ ही यह भी कहना है कि लगभग लगभग यह दशा हर ग्राम पंचायत की है। ग्रामीणों ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय के सख्त आदेश के बावजूद भी अन्ना गौवंश रात, दिन घूमते रहते हैं जिससे किसानों की रात की नींद व दिन का चैन छीन रहे हैं।ग्राम पंचायत में गौवंश आश्रय स्थल संचालित है,लेकिन वे मात्र दिखावा है।वहां पर जितनी गाय है या फिर या कहे की जितनी कागज में दिखाई गई हैं, उतने वास्तव में संरक्षित नहीं है। बहुत सी संख्या में गौवंश रात दिन सड़को व किसानों के खेतों में घूमती है और किसानों की खड़ी फसल को सफाचट कर रही हैं और सड़को में घूम रही अन्ना गयो से राहगीरों को निकलने में बहुत सी परेशानियां उठानी पड़ती हैं।कई बार यह भी सुनने को मिला है कि अन्ना गयो को बचाने में एक्सीडेंट हो गया है।जान चली गई या फिर गंभीर हालत में है।किसानों ने यही भी प्रार्थना पत्र में लिखकर अवगत कराया है कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो बड़ा आन्दोलन,चक्का जाम अनशन में बैठने के लिए मजबूर हो जायेगे।

ग्राम पंचायत पारा के राजेंद्र मिश्रा,राममिलन,राजेंद्र पाण्डेय ,रामफल, बाबूलाल, आदि किसानों ने बताया की लगभग 300 गायों का झुंड हैं जिनको हमें रात, दिन बराबर ताकना पड़ता है इसके बावजूद भी हमारी खड़ी फसलों को गायें चर जाती हैं।ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा गांयो के संरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।साथ ही शिकायती प्रार्थना पत्र में झूठी आख्या लगाकर निस्तारण कर उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जाता है।।

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