गया: पूर्व कृषि मंत्री सह गया नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि पूर्व के कांग्रेस सरकार एवं वर्तमान राज्य सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में अब तक उत्तरकोयल नहर परियोजना का निर्माण कार्य अधूरा है।मा० विधायक ने कहा कि नहर परियोजना के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने 1836 करोड रुपए की स्वीकृति दी है।बिहार के लिए और विशेष कर गया ,औरंगाबाद के लिए यह महत्वपूर्ण है बता दें कि इस परियोजना की प्रारंभिक लागत 30 करोड रुपए थी इस परियोजना में अब तक 1000 करोड रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं इसके बावजूद अब तक निर्माण कार्य अधूरा है जिस समय इस परियोजना का कार्य प्रारंभ हुआ था उस समय ना तो फारेस्ट कंजर्वेशन एक्ट बना था ना ही वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन एक्ट बना था अर्थात इस परियोजना को पूरा करने में कहीं से कोई वन मंत्रालय की ओर से बाधा नहीं था बावजूद यह परियोजना अधूरा रहा।डॉ कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ यदि राज्य सरकार इस परियोजना के निर्माण कार्य में दिलचस्पी दिखाती तो अब तक निर्माण कार्य पूरा हो जाता लेकिन अब तक पुरा न होने के पीछे राज्य सरकार के साथ विभिन्न कानूनी अड़चने भी है। निर्माण कार्य में जो क्षेत्र जल जमाव के कारण प्रभावित होगा उन गावों के किसानों को काफी पहले एक बार उनकी जमीन का मुआवजा भुगतान कर दिया गया था लेकिन बाद की तत्कालीन सरकार ने निर्माण कार्य में दिलचस्पी नहीं दिखाई और करीब 40 वर्षों तक कोई निर्माण कार्य न होने के कारण वहां के किसानों ने अपनी - अपनी जमीन पर कब्जा जमाए रखा और किसानों ने पुनः मुआवजा की मांग की। भारत सरकार ने किसानो की बात को ध्यान में रखकर उक्त जमीन की दूसरी बार मुआवजा देना सुनिश्चित किया है। मा० विधायक ने कहा कि औरंगाबाद, गया समेत 4 जिलो के लिए यह परियोजना वरदान साबित होगी साथ ही यह निर्णय मा० प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी केंद्रीय जल संसाधन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी के प्रयास से केंद्रीय मंत्री परिषद में लिया गया इसके लिए हम माननीय प्रधानमंत्री जी एवं मा० मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी के प्रति बिहार के किसान भाइयों की ओर से बधाई देते हैं एवं आभार प्रकट करते हैं।यह हमलोगों के लिए स्वर्णिम दिन होगा।
गया: पूर्व कृषि मंत्री सह गया नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि पूर्व के कांग्रेस सरकार एवं वर्तमान राज्य सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में अब तक उत्तरकोयल नहर परियोजना का निर्माण कार्य अधूरा है।मा० विधायक ने कहा कि नहर परियोजना के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने 1836 करोड रुपए की स्वीकृति दी है।बिहार के लिए और विशेष कर गया ,औरंगाबाद के लिए यह महत्वपूर्ण है बता दें कि इस परियोजना की प्रारंभिक लागत 30 करोड रुपए थी इस परियोजना में अब तक 1000 करोड रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं इसके बावजूद अब तक निर्माण कार्य अधूरा है जिस समय इस परियोजना का कार्य प्रारंभ हुआ था उस समय ना तो फारेस्ट कंजर्वेशन एक्ट बना था ना ही वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन एक्ट बना था अर्थात इस परियोजना को पूरा करने में कहीं से कोई वन मंत्रालय की ओर से बाधा नहीं था बावजूद यह परियोजना अधूरा रहा।डॉ कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ यदि राज्य सरकार इस परियोजना के निर्माण कार्य में दिलचस्पी दिखाती तो अब तक निर्माण कार्य पूरा हो जाता लेकिन अब तक पुरा न होने के पीछे राज्य सरकार के साथ विभिन्न कानूनी अड़चने भी है। निर्माण कार्य में जो क्षेत्र जल जमाव के कारण प्रभावित होगा उन गावों के किसानों को काफी पहले एक बार उनकी जमीन का मुआवजा भुगतान कर दिया गया था लेकिन बाद की तत्कालीन सरकार ने निर्माण कार्य में दिलचस्पी नहीं दिखाई और करीब 40 वर्षों तक कोई निर्माण कार्य न होने के कारण वहां के किसानों ने अपनी - अपनी जमीन पर कब्जा जमाए रखा और किसानों ने पुनः मुआवजा की मांग की। भारत सरकार ने किसानो की बात को ध्यान में रखकर उक्त जमीन की दूसरी बार मुआवजा देना सुनिश्चित किया है। मा० विधायक ने कहा कि औरंगाबाद, गया समेत 4 जिलो के लिए यह परियोजना वरदान साबित होगी साथ ही यह निर्णय मा० प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी जी केंद्रीय जल संसाधन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी के प्रयास से केंद्रीय मंत्री परिषद में लिया गया इसके लिए हम माननीय प्रधानमंत्री जी एवं मा० मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी के प्रति बिहार के किसान भाइयों की ओर से बधाई देते हैं एवं आभार प्रकट करते हैं।यह हमलोगों के लिए स्वर्णिम दिन होगा।