स्वामी विवेकानंद की शिष्या निवेदिताककी पुण्य स्मृति एवं पितृ पक्ष के मौके पर पर्यावरण भारती द्वारा वृक्षारोपण


सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट 

पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण अभियान लगातार चलाना होगा । रूस-उक्रेन महायुद्ध के बाद फिलिस्तीन के साथ इजराइल युद्ध से लगता है कि तृतीय विश्व युद्ध अवश्य होगा । संसार बारूद के ढेर पर बैठा है । मानव की क्षति के साथ साथ पर्यावरण का काफी नुकसान हुआ है । भविष्य में प्राकृतिक ऑक्सीजन की भीषण कमी होने वाला है । अतः वृक्षारोपण अभियान चलाना अति आवश्यक है । पर्यावरण भारती के संस्थापक सह पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक तथा अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली सदस्य राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि भगिनी निवेदिता का मूल नाम सिस्टर मारग्रेट एलिजाबेथ नोबेल है ।उनका जन्म यूरोप के आयरलैंड के काउंटी टाइरोन में 28 अक्टूबर 1867 को हुआ था । उनकी माता मैरी इसाबेल एवं पिता सैम्युएल रिचमंड नोबेल थे एवं उनके पिता एक पादरी थे । उन्होंने मानव सेवा का सीख दिये थे । दस वर्ष की उम्र में ही उनके पिताजी चल बसे थे । पालन पोषण नाना ने किया । भगिनी निवेदिता का विवाह वेल्स युवक से होने वाला था , लेकिन सगाई के बाद युवक का देहान्त हो गया । तब शान्ति की खोज में लंदन में 1895 में स्वामी विवेकानंद की शिष्या बनकर 1898 में कोलकाता आई । स्वामी विवेकानंद जी ने ही मारग्रेट एलिजाबेथ नोबेल का नाम भगिनी निवेदिता रखे थे । भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानंद जी के उपदेशों को जन जन तक पहुँचाने का कार्य की ।महिला शिक्षा हेतु कोलकाता में स्कूल खोली एवं कोलकाता में ही महामारी के समय रोगियों की सेवा की । साथ ही अंग्रेजी सरकार के नीतियों का भी जम कर विरोध की । नोबेल पुरस्कार विजेता गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर जी को भी भगिनी निवेदिता ने भारत भक्ति की प्रेरणा दी थी । पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग प्रवास के समय भगिनी निवेदिता का स्वास्थ्य खराब हो गया । तेरह अक्टूबर 1911 को 43 वर्ष की उम्र में भगिनी निवेदिता का देहावसान हो गया । उनका अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से किया गया । ऐसी भारत भक्ति में लीन भगिनी निवेदिता के पुण्य स्मृति में वृक्षारोपण स्मरणीय कार्य है । पर्यावरण भारती के वृक्षारोपण कार्यक्रम में राम बिलास शाण्डिल्य , अशोक कुमार , दिनेश कुमार , नवीन निराला , आयुष कुमार , निखिल कुमार , राजन कुमार , श्रीपति , दिव्यांशू , सरयू प्रसाद , प्रसादी तांती , परी कुमारी , शिवम पटेल एवं धर्मेन्द्र कुमार मेहता इत्यादि ने भाग लिये ।

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