बिहार राज्य संवाददाता वीरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
पटना। नवोदित लेखकों के लिए पटना में अब होगा साहित्य कार्यशाला। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार ले चुकी पटना की साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था सामयिक परिवेश अब साहित्य के विविध विधाओं को लेकर कार्यशाला का आयोजन करेगी। यह कार्यशाला गीत, कविता,कहानी और छंद को लेकर किया जाएगा। ये बातें सामिक परिवेश की अध्यक्षा ममता मेहरोत्रा ने सामयिक परिवेश की बैठक के बाद कही।
साहित्य कार्यशाला आयोजित करने की सलाह शिव नारायण ने दी थी जबकि लिट्रेचर विद टूरिज्म की सलाह डा. मीना कुमारी ने दिया था। कासिम खुर्शीद ने अपने संबोधन में सलाह दी कि अंतरराष्ट्रीय स्वरूप लेचुकी इ संस्था को चाहिए कि साल में एक वार्षिक आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए, जिसमें देश- विदेश से संस्था के सभी इकाइयों से जुड़े साहित्यकारों को पटना में बुलाया जा सके। डा.ध्रुव कुमार ने इस आयोजन को राष्ट्रीय साहित्योत्सव के रूप में आयोजित करने की सलाह दी। मुकेश महान ने कि इतने सारे सलाह आ चुके हैं अब इसे एक एक कर कार्यान्वित करने की जरूरत है। ब का स्तर
बैठक के बाद द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया इसका संचालन मीना परिहार कर रहीं थीं, जबकि संयोजन सविता राज और डा. प्रतिभा रानी का था। गोष्ठी में जावेद हयात, डा. सुनील कुमार उपाध्याय, नागेंद्र कुमार केशरी, जनार्दन मिश्र जलज ,धनंजय जयपुरी, राजजकांता, आनंद किशोर शास्त्री अनिता मिश्र सिद्धि, अनुपमा सिंह,रीतु प्रज्ञा, डा. सुनिता कुमारी डा. सीमा राय,अंजनी कुमारी, दिव्या, अंजनी कुमार पाठक, अविनाश बंधु, रवि कुमार, सहित कई रचनाकारों ने अपनी अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम के बाद सभी रचनाकारों को प्रमाण पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।