रोहतास दावथ संवाददाता चारोधाम मिश्रा की रिपोर्ट
शरद पूर्णिमा के अवसर पर पयहारी आश्रम परमेश्वरपुर में हुआ भजन कीर्तन एवं हवन पूजन अर्चना का आयोजन। चारों धाम मिश्रा। दावथ (रोहतास)शरद पूर्णिमा एक अद्भुत और पावन दिन है। इस दिन का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पक्ष समझाते हुए परमेश्वरपुर पयहारी आश्रम मलियाबाग में श्री 1008 श्री महेश्वर दास उर्फ त्यागी जी महाराज ने कहा कि शरद पूर्णिमा का भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व परंपरा में महत्व है। ज्ञान, भक्ति, वैराग्य और कर्म के मार्ग से जुड़ते हुए यह दिन ज्योतिष विज्ञान प्रकृति विज्ञान चिकित्सा विज्ञान तक में अपना विशेष स्थान बनाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता अर्थात 16 कलाओं के साथ प्रकृति में उपस्थित होकर करुणा का प्रकाश बिखेर देता है। ज्योतिष विज्ञान में चंद्रमा को मन का देवता माना गया है इसलिए मन पर इसका प्रभाव सबसे अधिक होता है। इस दिन खीर खाने की परंपरा भी सदियों से बनी हुई है। गुरु की सानिध्य से ईश्वर तक पहुंच सकता है इंसान।पयहारी जी के अमृत वचन सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उपेंद्र बाबा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा के अवसर पर पयहारी आश्रम परमेश्वरपुर मलियाबाग में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है । प्रातः कालीन हवन पूजन एवं अर्चना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाती है। जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण पहुंचकर अपने गुरु जी का दर्शन करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। साथ ही रात्रि में भजन संध्या कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। जिसमें भोजपुरी जगत के कई चर्चित चेहरे भाग लेते हैं। परमेश्वरपुरी आश्रम में आयुर्वेद की भी दवाएं दी जाती है। लोगों का ऐसा मानना है कि यहां दवा और दुआ दोनों मिलती है। बिहार उत्तर प्रदेश और झारखंड से कई शिष्य आते हैं और अपने गुरु का दर्शन करते हैं। मंच का संचालन भोजपुरी स्टार के उभरता हुआ कलाकार गोल्डेन प्रिय ने किया। मौके पर, वैघ छोटन जी परमवीर दास, पुजारी मिंटू जी, अगदास जी, उपस्थित थे।