सोनो जमुई संवाददाता चंद्रदेव बरनवाल की रिपोर्ट
एकलव्य काॅलेज जमुई के संस्थापक स्व० अर्जुन प्रसाद केशरी के पुण्य स्मृति में देव वृक्ष पीपल का पौधे लगाए गए ।वृक्षारोपण का नेतृत्व उनका भतीजा राज कुमार केशरी ने किया । मौके पर उपस्थित पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि पिछले 17 दिनों पूर्व से लगातार हमास ओर इजराइल के बीच भीषण महायुद्ध हो रहा है । जिसमें प्रतिदिन बमों की वर्षा हो रही है । वहीं दुसरी ओर रूस - उक्रेन महायुद्ध एक वर्ष पूर्व से जारी है । इसमें एक दूसरे के समर्थक देश शस्त्र भेज रहे हैं और युद्ध जारी रहने की सलाह दे रहे हैं। जिससे पर्यावरण असंतुलित होते जा रहा है । ऐसी परिस्थिति में युद्धग्रस्त देशों के मानव का जीना मुश्किल हो गया है । अब भुखमरी से त्रस्त देश पाकिस्तान ने भी इजराइल पर परमाणु बम गिराने की धमकी दिया है । इससे लगता है कि दुनिया के मानव अपना सर्वनाश का उपाय स्वयं कर लिया है । इसे ही प्रलय कहा जा सकता है । ऐसी परिस्थिति में संसार में मानव को स्वयं सुरक्षित होने के लिये घरों के आसपास वृक्षारोपण करना अनिवार्य है । उन्होंने आगे कहा कि 30 वर्ष का एक पेड़ मानव को 17 से 50 लाख रूपये का ऑक्सीजन गैस प्रदान करता है एवं 35 लाख रूपये का वायु प्रदूषण नियंत्रित करती है । इसके अलावा 90 किलो ग्राम कार्बन डाई ऑक्साईड सोखता है एवं 41 लाख रूपये का पानी रिसाईकिल करता है । एक मानव द्वारा फैलाये गये ष्रदूषण को 30 वृक्ष मिलकर समाप्त करता है । अतः एक मानव को जीवन भर में कम से कम 30 पेड़ अवश्य लगाना चाहिये साथ ही कमसे कम 5 वर्षों तक उसकी सुरक्षा करनी चाहिए । इससे 3°c तापमान कम होता है एवं 18 लाख रूपये का जमीन कटाव भी रोकता है ।पेड़-पौधों से रोगों का ईलाज भी होता है । उन्होंने कहा कि अभी डेंगू में पपीता के पत्ते लाभकारी है । असाध्य रोग कैंसर में पपीता के पत्ते को सुखा कर 3 बार चाय पीने से लाभ मिलता हे । शाण्डिल्य ने बताया कि भारत में प्राचीन काल से ही प्रकृति को माता मानकर पूजा करते आ रहे हैं । पत्थर , पहाड़ , नदी , तालाब , सूर्य ओर चाँद , मंगल , राहु और केतु , पवन , गगन , वृक्ष , आग , नाग , गाय , बैल एवं सर्पों की पूजा भारत में होती है ।खेती के समय किसान खेत की पूजा करते हैं। यहाँ मकान बनाते समय भूमि की पूजा होती है ।अतः भारत के ऋषि , महर्षि , संत , महंथ ने विश्व कल्याण की बात बताये और संसार के मानव को प्रकृति की ओर चलने का संदेश देते हुए कहा है कि प्रकृति ही भगवान है । शाण्डिल्य ने कहा कि स्व0 अर्जुन प्रसाद केशरी जमुई के शहर पुरानी बाजार निवासी थे एवं वे नि: संतान थे ।उन्होंने जमुई में शिक्षा की अलख जगाने हेतु बोधवन तालाब के समीप सरस्वती अर्जुन एकलव्य काॅलेज की स्थापना किये । वाणिज्य की पढ़ाई जमुई जिला में पहली बार प्रारंभ हुई। वे शिक्षा प्रेमी के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता थे । अतः ऐसे महापुरूष के पुण्य स्मरण में देव वृक्ष पीपल का वृक्षारोपण स्मरणीय कार्य है । पर्यावरण भारती के वृक्षारोपण कार्यक्रम में पर्यावरण प्रहरी चन्द्रकान्त भगत , प्रो० राम जीवन साहू , प्रो० महेश प्र० केशरी , राज कुमार केशरी , उमंग कुमार साह , दीन दयाल सिंह , अजय कुमार बर्णवाल , कारू गुप्ता , रंजीत पाल , रौनक यादव , प्रिंस यादव , आशीष यादव , आनंद कुमार , अंकित कुमार , शिक्षक रवि शंकर साह , नवल साह , नवीन साह , तनिक लाल शर्मा इत्यादि ने भाग लिये ।